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इन दो महिला एस्ट्रोनॉट के नाम याद कर लीजिए, स्पेस में इनसे दूर कोई महिला नहीं गई

Anna Menon and Sarah Gillis अंतरिक्ष में सबसे दूर जाने वाली महिला एस्ट्रोनॉट बन गई हैं. Polaris Dawn Mission के तहत दोनों अंतरिक्ष में 1400 किमी तक गई हैं.

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मेनन और गिलिस दोनों पोलारिस डॉन टीम में मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में काम कर रही हैं. (फोटो- SpaceX)

अमेरिका की प्राइवेट स्पेसक्राफ्ट-सैटेलाइट बनाने वाली कंपनी SpaceX की दो महिला इंजीनियरों ने मानव इतिहास में अपना नाम अमर कर लिया है. Polaris Dawn Mission के तहत ये दोनों स्पेस में सबसे दूर तक यात्रा करने वाली महिला अंतरिक्ष यात्री बन गई हैं. नाम हैं Anna Menon and Sarah Gillis.

स्पेसएक्स के स्पेसफ्लाइट में एना और सारा ने जितनी दूरी तय की, उतना आज तक कोई महिला अंतरिक्ष यात्री नहीं गई है. इन्होंने पृथ्वी से ज्यादा दूरी तक उड़ान भरने का रिकॉर्ड बना दिया है.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक SpaceX ने 10 सितंबर को नासा के कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किया था. जेरेड इसाकमैन के नेतृत्व में अंतरिक्ष यान पृथ्वी की सतह से लगभग 1,400 किलोमीटर की ऊंचाई तक गया. मिशन ने 1966 में जेमिनी 11 मिशन द्वारा बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है.

मेनन और गिलिस दोनों पोलारिस डॉन टीम में मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में काम कर रही हैं. मिशन की सफलता के लिए उनकी भूमिकाएं महत्वपूर्ण रही हैं. सारा गिलिस प्राइवेट स्पेसफ्लाइट मिशन की लीड क्रू हैं. वहीं एना मेनन मिशन की ऑनबोर्ड मेडिकल ऑफिसर हैं. यही नहीं, मेनन ने 12 सितंबर को कमांडर जेरेड इसाकमैन के साथ मिलकर दुनिया की पहली प्राइवेट स्पेसवॉक कर इतिहास रच दिया.

पोलारिस डॉन मिशन में ऊंचाई के रिकॉर्ड बनाने के अलावा भी कई और उद्देश्य हैं. पहली बार कमर्शियल स्पेसवॉक के अलावा, टीम अंतरिक्ष में स्टारलिंक लेजर बेस्ड कम्युनिकेशन भी टेस्ट करेगी. इसके अलावा मिशन मानव शरीर पर स्पेस रेडिएशन के प्रभावों का भी अध्ययन करेगा.

मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्री Van Allen रेडिएशन बेल्ट से गुजरेंगे. इससे ये भी पता लगाया जा सकेगा कि अंतरिक्ष के पर्यावरण का स्पेसक्राफ्ट और ह्यूमन फिजियोलॉजी पर क्या असर पड़ता है. पोलारिस डॉन मिशन की ऐतिहासिक स्पेसवॉक 12 सितम्बर को होने वाली है.

क्या है वैन एलेन बेल्ट?

वैन एलेन बेल्ट पृथ्वी के चारों ओर स्थित चार्जड पार्टिकल्स के दो जोन हैं. इस बेल्ट की खोज साल 1958 में अमेरिकी भौतिक विज्ञानी जेम्स वान एलन ने की थी. वैन एलेन बेल्ट इंसानों के लिए खतरनाक होती हैं, क्योंकि इनमें हाई लेवल की रेडिएशन होती हैं. ये रेडिएशन अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं. ये बेल्ट चार्जड पार्टिकल्स से भरी रहती है. इससे मानव शरीर के टिशू डैमेज हो सकते हैं. यहां तक कि कैंसर होने का रिस्क भी होता है.

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