किल्लत के बीच कई तरह के जुगाड़ वाले वीडियो सामने आ रहे हैं, जिनमें ऑक्सीजन की कमी होने पर जान बचाने के कथित तरीके बताए जा रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो छत्तीसगढ़ के सीनियर IAS अधिकारी अवनीश शरण ने ट्वीट किया है. इस वीडियो में सर्वोदय हॉस्पिटल, फरीदाबाद के डॉक्टर आलोक बता रहे हैं कि कैसे ऑक्सीजन के सब्स्टीट्यूट की तरह नेब्युलाइज़र का इस्तेमाल किया जा सकता है. वीडियो में बताए अनुसार नेब्युलाइजिंग मशीन में बिना कोई दवाई डाल, उसे पहन लें और बैठकर सांस लें. आगे वो व्यक्ति कहीं भी ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए न भागने की बात कह रहा है. अंत-अंत में आप वीडियो के व्यक्ति को ये कहते हुए भी पाते हैं कि वातावरण में इतनी ऑक्सीजन होती है हमें इससे ऑक्सीजन मिल जाए.
कैप्शन में लिखा कि ब्लड ऑक्सीजन लेवल को बेहतर करने में नेब्युलाइज़र के इस्तेमाल की एक्सीलेंट तकनीक बता रहे हैं. ( ये वायरल वीडियो ट्वीट आप नीचे देख सकते हैं.)
नेब्युलाइज़र से ऑक्सीजन की कमी होगी पूरी ?
सवाल उठता है कि क्या सच में नेब्युलाइज़र से ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है या नेब्युलाइज़र वाली ये तकनीक महज एक अफवाह है. ये तकनीक कितनी कारगर है इसके लिए हमने बात की डॉक्टर विष्णु पाणिग्रही से जो Fortis health care के साथ काम करते हैं. हमने जब डॉक्टर से इस बाबत सवाल किया तो उन्होने ऑक्सीजन की जगह नेब्युलाइज़र के इस्तेमाल को सरासर बेवकूफी बताया.
Dr. Bishnu Panigrahi
डॉक्टर विष्णु ने कहा,
“That nebulizer is not a surrogate to oxygen. Oxygen supplementation when indicated , we need to give a higher % of oxygen, which cannot be provided by what you were alluding to" माने नेब्युलाइज़र ऑक्सीजन की जगह नहीं ले सकता क्योंकि जब ऑक्सीजन देने की ज़रूरत होती है तब ऑक्सीजन का हाई परसेंटेज देना होता है जो कि नेब्युलाइज़र से संभव नहीं है.’’वहीं हमने एक दूसरे MBBS डॉक्टर अरूण खत्री से बात की जो कोविड-19 ( covid -19 ) के मरीजों के लिए ही काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि,
Dr. Arun
"वीडियो में बताई जा रही तकनीकि से कुछ मिनटों के लिए तो ऑक्सीजन दी जा सकती है लेकिन जितनी मात्रा में ऑक्सीजन कोरोना के मरीजों को ज़रूरत होती है उसकी पूर्ति नेब्युलाइज़र के जरिए नहीं की जा सकती है."क्या करें जब ऑक्सीजन लेवल हो रहा है कम-
डॉक्टर अरूण ने साफ शब्दों में कहा कि अगर मरीज का ऑक्सीजन लेवल 85 तक है उस हालात में नेब्युलाइज़र इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन महज चंद मिनटों के लिए. इससे ज्यादा नेब्युलाइज़र काम नहीं करेगा, बल्कि ऐसे हालात में जब ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है तब सेल्फ अवेकेनिंग पोजीशनिंग ज्यादा कारगर होती है इस पोजीशनिंग में मरीज को पेट के बल लेट कर सांस लेने के लिए कहा जाता है और इससे ऑक्सीजन लेवल में फर्क पड़ता है.
यानि अगर आपके जानने वाले किसी मरीज या आपका खुद का ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है तो इस तरह के जुगाड़ को न अपनाकर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. कुल जमा कोरोना वायरस से बचिए, इंटरनेट के नीम-हकीमों से बचिए. बात जान की है तो डॉक्टर्स पर भरोसा कीजिए न कि फॉरवर्ड से आए वीडियो या ट्विटर के ब्लूटिक वाले आईएएसों पर.