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सीएम योगी का अपनी ही पुलिस पर कड़ा एक्शन, सस्पेंड तो हुए ही प्रॉपर्टी की जांच भी होगी, ट्रक ड्राइवरों से वसूली का मामला

मामला Ballia के नरही थाना क्षेत्र का है. CM Yogi Adityanath ने संबंधित सर्किल अधिकारी, स्टेशन अधिकारी और चौकी प्रभारी की संपत्ति की खुली जांच के आदेश दिए हैं.

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मामले से जुड़ी रिपोर्ट CM योगी को सौंपी गई है (सांकेतिक फोटो- AI)

उत्तर प्रदेश के बलिया में जबरन वसूली के रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है (UP Extortion Racket Busted). मामले में शामिल 18 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके अलावा 16 लोगों को अरेस्ट किया गया है. अब मामले में CM योगी आदित्यनाथ की एंट्री हो गई है. उन्होंने केस की रिपोर्ट के आधार पर कई अफसरों का ट्रांसफर कर दिया है. कुछ पुलिसकर्मियों की संपत्ति के जांच के आदेश भी दे दिए हैं. 

आरोप है कि पुलिस वाले ब्रोकर के साथ मिलकर बिहार से आने वाले ट्रक ड्राइवरों से पैसे ऐंठते थे. 24 जुलाई को सभी को रंगे हाथों पकड़ा गया.

25 जुलाई की शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मामले पर रिपोर्ट सौंपी गई. उसके आधार पर बलिया के पुलिस अधीक्षक और बलिया के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का ट्रांसफर कर वेटिंग पर डाल दिया गया है. इसके अलावा स्थानीय सर्कल अधिकारी (डिप्टी एसपी) को सस्पेंड किया गया है. CM ने संबंधित सर्किल अधिकारी, स्टेशन अधिकारी और चौकी प्रभारी की संपत्ति की जांच के भी आदेश दिए हैं.

कैसे पकड़े गए आरोपी?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि भरौली क्रॉसिंग पर ब्रोकरों और नरही थाने के पुलिसकर्मियों के संगठित जबरन वसूली के रैकेट की सूचना मिली थी. आरोप लगे कि नरही पुलिस स्टेशन के अंडर आने वाली क्रॉसिंग पर बिहार से आने वाले ट्रक चालक कई पुलिसकर्मियों की निगरानी में ब्रोकरों को पैसे दे रहे हैं. वो क्रॉसिंग यूपी-बिहार सीमा पर बनी हुई है.

अधिकारियों ने कहा कि आगे की जांच में पुलिस कर्मियों द्वारा ट्रक ड्राइवरों से पैसे वसूलने की पिछली रिपोर्टों की पुष्टि हुई. इसके बाद मामले पर एक्शन लेते हुए वाराणसी और आजमगढ़ की कुल पांच पुलिस टीमें 24 जुलाई की रात को करीब डेढ़ बजे भरौली चौराहे पर पहुंचीं. वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि पुलिस की टुकड़ी के क्रॉसिंग पर पहुंचते ही तीन पुलिसकर्मी वहां से भाग गए. तभी दो अन्य पुलिसकर्मियों और 16 ब्रोकरों को मौके से अरेस्ट किया गया. उन पर जबरन वसूली और भ्रष्टाचार के आरोप हैं.

निलंबित हुए और कार्रवाई का सामना करने वाले पुलिसकर्मियों में नरही थाने के स्टेशन ऑफिसर, कोरंटाडीह पुलिस चौकी के प्रभारी (सब-इंस्पेक्टर), तीन अन्य सब-इंस्पेक्टर, तीन हेड कांस्टेबल, 10 कांस्टेबल और एक कांस्टेबल (ड्राइवर) शामिल हैं.

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उप-महानिरीक्षक (DIG) आजमगढ़ वैभव कृष्ण ने बताया कि छापेमारी में पता चला कि ये लोग प्रति वाहन 500 रुपए वसूलते थे और एक रात में करीब 1000 वाहन यहां से गुजरते हैं. उन्होंने कहा कि ये सख्त कार्रवाई पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री के निर्देश पर की गई है. और आगे भी इस तरह की कोई शिकायत आएगी तो उससे निपटा जाएगा.

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