राजनीतिक लिहाज से कुछ राज्य ऐसे हैं जहां राजनीतिक उठापटक चलती रहती है. ऐसा ही एक है महाराष्ट्र. जहां के मसले खत्म नहीं हो रहे. ताजा खबर महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना सरकार के बीच कथित दरार को लेकर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भाजपा के बीच सबकुछ ठीक नहीं है. अब ये बात कहां से आई. दरअसल शिवसेना नेता गजानन कीर्तिकार ने बयान दिया है कि भाजपा उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. कीर्तिकार महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उन 13 सांसदों में से एक हैं, जो उद्धव ठाकरे से अलग होकर भाजपा के साथ आ गए थे. शिंदे समूह के वरिष्ठ नेता ने कहा,
2024 से पहले शिवसेना सांसद की ये मांग शिवसेना-भाजपा सरकार में टेंशन बढ़ाएगी?
मंत्रीमंडल विस्तार और सरकार में काम को लेकर क्या बहस हो रही?
“हम राजग का हिस्सा हैं... इसलिए हमारा काम उसी हिसाब से होना चाहिए और घटक दलों को दर्जा (उपयुक्त) मिलना चाहिए. हमें लगता है कि हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है.”
79 वर्षीय गजानन उत्तर पश्चिमी मुंबई निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा सांसद हैं. कीर्तिकार ने कहा कि हम सभी 13 सांसद एक साथ एनडीए में शामिल हुए थे. ऐसे में हमारा काम उसी तरह होना चाहिए जैसे बीजेपी के सांसदों का होता है. बता दें कि सीएम शिंदे ने बुधवार 31 मई को अपने सभी 13 सांसदों के साथ सरकारी आवास पर बैठक की थी.
कीर्तिकार ने ये भी कहा कि महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर वैसे ही बंटवारा होना चाहिए, जैसे पहले तय हुआ था. एकनाथ शिंदे की पार्टी 22 सीटों से लोकसभा चुनाव जीतने की तैयारी कर रही है. 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा 26 सीटों पर लड़ी थी. इसमें से पार्टी के खाते में 23 सीटें आई थीं. वहीं शिवसेना ने 22 में से 18 सीटें जीत ली थीं. हालांकि, कलाबेन डेलकर ने दादर और नागर हवेली से बाइपोल जीत लिया था. इसके बाद शिवसेना के पास 19 सीट हो गई हैं. लोकसभा में शिवसेना ने इससे ज्यादा सीटें कभी नहीं जीती हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट में धवल कुलकर्णी लिखते हैं कि भले ही एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं, असली पावर उनके पास नहीं है. महाराष्ट्र सरकार में असली पावर उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास है. वहीं दूसरी तरफ भाजपा नेताओं का मानना है कि चूंकि शिंदे मुख्यमंत्री हैं, ऐसे में शिवसेना के काम भाजपा से जल्दी हो रहे हैं.
अपनी रिपोर्ट में धवल लिखते हैं कि शिंदे कैबिनेट के विस्तार में एक बाधा शिंदे के सार्वजनिक बयान से आ रही है. शिंदे ने कहा था कि उनकी पार्टी को राज्य के मंत्रिमंडल में आधा स्थान मिलना चाहिए. वहीं, दूसरी ओर भाजपा नेताओं का सवाल है कि भाजपा के 106 विधायक हैं और शिंदे की शिवसेना के 40 विधायक हैं. ऐसे में बराबर मंत्री पद कैसे मिल सकते हैं.
अक्टूबर 2022 में ठाणे में लोक निर्माण विभाग में एक अधिकारी की नियुक्ति को लेकर भी दोनों पार्टियों के बीच बहस हो चुकी है. दोनों पार्टियों के नेताओं ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को चिट्ठी लिख अपनी-अपनी पसंद के अधिकारी को पद पर नियुक्त करने की बात कही थी.
जवाब में क्या कहा गया?
शिंदे गुट के प्रवक्ता और महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने गजानन के बयान पर जवाब में कहा कि भाजपा और शिवसेना के रिश्ते मजबूत हैं. दीपक ने कहा -
“कोई भी गलतफहमी हुई हो तो उसे दूर किया जाएगा.”
वहीं उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है कि सरकार में ऐसी कोई समस्या नहीं है.
"हमारे बीच कोई समस्या नहीं है. हम बहुत अच्छे समन्वय से काम कर रहे हैं."
वन मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार का मानना है कि कीर्तिकार सिर्फ ये कह रहे हैं कि काम जिस तेज़ी से होना चाहिए, नहीं हो रहा है. वहीं शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता ने भी कीर्तिकार के बयान पर अपनी राय रखी है. उनका कहना है कि भाजपा शिवसेना को पहले भी दरकिनार करती रही है और कीर्तिकार की बात इसका एक और सबूत है. शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता और प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि भाजपा एकनाथ शिंदे और उनके लोगों को धीरे-धीरे दरकिनार करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि इन लोगों की उपयोगिता कम हो गई है. बता दें, सत्तारूढ़ शिवसेना और भाजपा के बीच लोकसभा सीटों पर कौन लड़ेगा, इसको लेकर भी बहस छिड़ी हुई है.
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