ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर (Puja Khedkar) के मामले में एक और ‘झोल’ सामने आया है. ‘झोल’ ये कि 2 साल 2 महीने के अंतराल पर पूजा खेडकर की उम्र सिर्फ 1 साल ही बढ़ी. ये बात पूजा खेडकर के एप्लिकेशन पर सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) के ऑर्डर से जुड़े दो डॉक्यूमेंट से सामने आई है. CAT का एक ऑर्डर साल 2020 का है और दूसरा ऑर्डर साल 2023 का है. दोनों ही ऑर्डर में पूजा के नाम भी अलग-अलग हैं.
IAS पूजा खेडकर की उम्र 2020 से 2023 के बीच सिर्फ '1 साल बढ़ी', रिपोर्ट में दावा
Trainee IAS officer Puja Khedkar Case: दिसंबर 2020 के डॉक्यूमेंट में पूजा खेडकर की उम्र 30 साल और फरवरी 2023 के डॉक्यूमेंट में उनकी उम्र 31 साल लिखी है.

इंडिया टुडे के दिव्येश सिंह की रिपोर्ट के मुताबिक पूजा के एप्लिकेशन पर दिसंबर 2020 में CAT का जो ऑर्डर आया, उसमें नाम डॉ. खेडकर पूजा दिलीपराव लिखा है और उम्र 30 साल लिखी है. वहीं फरवरी 2023 में CAT का जो ऑर्डर है, उसमें नाम मिस पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर है और उम्र 31 साल लिखी है. इस हिसाब से 2 साल 2 महीने में पूजा की उम्र सिर्फ 1 साल बढ़ी.
पूजा खेडकर के एप्लिकेशन पर CAT का ऑर्डर (दिसंबर, 2020)

पूजा खेडकर के एप्लिकेशन पर CAT का ऑर्डर (फरवरी, 2023)

पूजा खेडकर ने साल 2021 का सिविल सर्विस एग्जाम नॉन-क्रिमी लेयर OBC और PwBD कैटेगरीज के तहत दिया था. इसमें उन्हें 821वीं रैंक मिली थी. पूजा खेडकर ने UPSC में PwBD (पर्सन्स विद बेंचमार्क डिसेबिलिटी) कैटेगरी के तहत दो मेडिकल सर्टिफिकेट लगाए थे. एक सर्टिफिकेट कथित तौर पर मानसिक विकलांगता का और दूसरा सर्टिफिकेट दृष्टिबाधित (visually impaired) होने का था. बताया गया कि इसके बाद वो अपनी विकलांगता के दावे को लेकर मेडिकल कमिटी के सामने पेश नहीं हुईं. मामला सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) पहुंचा.
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23 फरवरी 2023 के CAT के आदेश के अनुसार UPSC ने पूजा को अप्रैल 2022 में मेडिकल एग्जाम के लिए AIIMS दिल्ली पहुंचने को कहा था. लेकिन पूजा ने कोविड-19 होने की बात कहकर मेडिकल की तारीख आगे बढ़वा ली. फिर मई में पूजा को दो बार मेडिकल के लिए बुलाया गया, लेकिन वो नहीं पहुंचीं. इसके बाद जुलाई और अगस्त 2022 की तारीखों पर भी पूजा मेडिकल टेस्ट के लिए AIIMS नहीं गईं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक पूजा का मेडिकल अगस्त 2022 के लिए रीशेड्यूल किया गया था. CAT के सदस्य भगवान सहाय और जस्टिस एमजी सेवलिकर के ऑर्डर में बताया गया,
“आवेदक का 26 अगस्त से 2 सितंबर के बीच AIIMS में मेडिकल परीक्षण किया गया. उनकी दोनों आंखों में विजन ना होने का कारण जानने के लिए उन्हें स्पेशलिस्ट से MRI (ब्रेन) कराने के लिए कहा गया. AIIMS के ड्यूटी अधिकारी द्वारा आवेदक से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. इसलिए उनकी विकलांगता के प्रतिशत का आकलन नहीं किया जा सका.”
इसके बाद पूजा ने एक प्राइवेट हॉस्पिटल में कराई गई MRI रिपोर्ट जमा की, जिसमें उनकी विकलांगता के दावे का समर्थन किया गया था.
OBC और PwBD कैटेगरीज के तहत पूजा को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अलॉट किया गया. लेकिन अब पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में फर्जी विकलांगता और OBC सर्टिफिकेट का इस्तेमाल करने का आरोप लगा है, जिसकी जांच चल रही है. इसके अलावा पूजा पर पुणे में पोस्टिंग के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करने का भी आरोप है. वहीं पूजा ने कहा है कि वो जांच कमिटी के सामने ही अपना पक्ष रखेंगी.
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