सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे श्रीनगर के एक वीडियो को लेकर जमकर बवाल हो रहा है (Srinagar Dal Lake Tourists Viral Video). ये वीडियो वहां की डल लेक (डल झील) का बताया जा रहा है. शिकारा बोट पर बैठे कुछ टूरिस्ट दिख रहे हैं और उनके सामने शराब की दो बोतलें रखी हुई हैं. वीडियो को लेकर कश्मीर के धार्मिक और राजनीतिक नेताओं ने नाराजगी जाहिर की है. घटना को गैर-इस्लामिक और अनैतिक करार दिया है.
कश्मीर: डल झील में खुलेआम टूरिस्ट ने ऐसा काम किया, वीडियो देख कश्मीर वाले भड़क उठे
Jammu Kashmir Srinagar Viral Video: कश्मीर में पर्यटकों की इस हरकत को देखकर नाराज लोगों का कहना है कि पर्यटकों का सम्मान करते हैं लेकिन गैर-इस्लामिक और अनैतिक कार्य स्वीकार्य नहीं होंगे.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने वीडियो शेयर कर लिखा,
मैं डल झील में शिकारा पर शराब पीने वाले पर्यटकों की अश्लील हरकतों की कड़ी निंदा करता हूं. सरकार को याद रखना चाहिए कि ऐसा व्यवहार यहां स्वीकार्य नहीं है. मॉर्डन सोसायटी के लोग सड़कों पर अश्लील नृत्य नहीं करते या सार्वजनिक रूप से शराब नहीं पीते. पर्यटन की आड़ में ये काम बंद होने चाहिए. जम्मू-कश्मीर प्रशासन को सार्वजनिक रूप से शराब पीने पर प्रतिबंध लगाने वाले कानूनों को सख्ती से लागू करना चाहिए. हमारे लोग पर्यटकों का सम्मान करते हैं लेकिन गैर-इस्लामिक और अनैतिक कार्य स्वीकार्य नहीं होंगे.
मामले को लेकर गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सलमान निजामी ने पोस्ट में लिखा,
कश्मीर में शिकारा में खुलेआम शराब पीना अस्वीकार्य है. इस तरह का व्यवहार हमारी संस्कृति और समाज को खराब करता है. मैंने संबंधित पुलिस अधिकारी को वायरल क्लिप भेज दिया है. इन पर्यटकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलमा MMU (यूनाइटेड काउंसिल ऑफ स्कॉलर्स) की तरफ से जारी बयान में कहा गया,
शराब का सार्वजनिक सेवन कानून में पूरी तरफ से प्रतिबंधित है. इसकी अनुमति क्यों और कैसे दी गई, ये चिंता का विषय है. कश्मीर के लोग घाटी में आने वाले पर्यटकों का मेहमान के रूप में सम्मान करते हैं. मुस्लिम बहुल घाटी संतों और सूफियों की भूमि है. यहां ऐसी गैर-इस्लामी और अनैतिक प्रथाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
होटल व्यवसायियों और हाउसबोट-शिकारा मालिकों से ऐसे कामों पर नजर रखने और पर्यटकों से कश्मीर के नैतिक और धार्मिक लोकाचार का सम्मान करने का आग्रह किया गया है. MMU में घाटी के सभी धार्मिक संप्रदायों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रमुख शामिल हैं.
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कई और सोशल मीडिया यूजर्स ने भी घटना की निंदा की है. हालांकि कुछ लोगों ने घटना को गैर-इस्लामिक कहे जाने पर आपत्ति जताई और कहा कि मामले को धर्म से जोड़ना गलत है.
नोट: लल्लनटॉप वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
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