दक्षिण अफ्रीका से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाए गए एक और चीते की मौत हो गई है. बताया जा रहा है मादा चीता दक्षा की मौत किसी बीमारी से नहीं बल्कि पार्क में मौजूद दो अन्य चीतों के साथ लड़ाई में हुई है. कूनो पार्क में मरने वाला यह तीसरा चीता है.
कूनो नेशनल पार्क में तीसरे चीते की मौत, इस बार वजह कोई बीमारी नहीं है!
5 और चीतों को छोड़ने की तैयारी, फिर ये खबर आ गई.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक मादा चीता दक्षा की मौत दो अन्य चीतों से झड़प की वजह से हुई है. दोनों चीतों के नाम वायु और अग्नी है. इन्हें व्हाइट वॉकर के रूप में भी जाना जाता है.
पिछले साल 20 चीतों को नेशनल पार्क में लाया गया था, जिनमें से दो की मार्च और अप्रैल में मौत हो गई थी. पहले मादा चीता शासा की मौत हुई थी. शासा भारत लाए जाने से पहले ही किडनी की बीमारी से पीड़ित थी. 23 जनवरी को शासा में थकान और कमजोरी के लक्षण दिखे, जिसके बाद उसे इलाज के लिए क्वारंटीन बाड़े में भेज दिया गया. 26 मार्च को शासा की मौत हो गई.
उसके बाद अप्रैल में दूसरे चीते उदय की मौत हुई थी. मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने 6 साल के चीते की मौत की पुष्टि की थी. 22 अप्रैल तक उदय बिल्कुल ठीक था. 23 अप्रैल की सुबह वन विभाग की टीम ने देखा कि उदय की तबीयत खराब होने लगी थी. उसे ट्रैंकुलाइज कर मेडिकल सेंटर ले जाया गया. फिर शाम करीब 4 बजे इलाज के दौरान ही चीते उदय की मौत हो गई थी.
9 मई को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने चीतों के बारे में एक और जानकारी दी. कहा कि 5 चीतों जिनमें तीन मादा और दो नर होंगे, उनको जून में मॉनसून की शुरुआत से पहले कूनो नेशनल पार्क में रिलीज कर दिया जाएगा. मंत्रालय ने यह भी कहा कि चीतों को कूनो नेशनल पार्क से बाहर जाने दिया जाएगा और उन्हें तब तक वापस नहीं लाया जाएगा जब तक कि चीते उन क्षेत्रों में न जाएं, जहां उनकी जान को खतरा हो.
कूनो नेशनल पार्क के DFO प्रकाश कुमार वर्मा ने आजतक से फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि चीतों को बड़े बाडे़ से खुले में छोड़ने की तैयारी पूरी है और जल्द ही टास्क फोर्स की बैठक की जाएगी, जिसमें चीता रिलीज को लेकर चर्चा होगी. इनका कहना है कि इसके लिए बस वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश मिलने का इंतजार है.
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