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पौष्टिक आहार से भरा मिड-डे मील का मेन्यू, लेकिन छोटे बच्चों को मिल रहा हल्दी वाला चावल

हल्दी वाले चावल खाते हुए बच्चों का वीडियो भी सामने आया है. इंडिया टुडे से जुड़े अखिलेश नागरी के इनपुट्स के मुताब़िक यह वीडियो बलरामपुर के पटेल पारा के बिजाकुरा गांव में स्थित बिजाकुरा प्राइमरी स्कूल का है.

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हल्दी वाले चावल खाते हुए बच्चों का वीडियो भी सामने आया है. (फ़ोटो/इंडिया टुडे)

छत्तीसगढ़ के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मील के नाम पर बच्चों को सादे चावल दिए जा रहे हैं. सब्जी कुछ नहीं. बताया गया कि कई बार बच्चों को दाल भी नहीं दी जाती है. छोटे बच्चे सिर्फ चावल से गुजारा करते हैं जिसमें सिर्फ़ हल्दी मिली होती है. छत्तीसगढ़ में 2022 में कुपोषण दर 17.76% रही थी.

हल्दी वाले चावल खाते हुए बच्चों का वीडियो भी सामने आया है. इंडिया टुडे से जुड़े अखिलेश नागरी के इनपुट्स के मुताब़िक यह वीडियो बलरामपुर के पटेल पारा के बिजाकुरा गांव में स्थित बिजाकुरा प्राइमरी स्कूल का है. यहां 43 छात्रों को मिड-डे मील खिलाया जाता है. राज्य के शिक्षा विभाग ने मिड-डे मील के लिए एक निर्धारित मेनू बनाया है. जिसमें विभिन्न प्रकार के पौष्टिक भोजन का वादा किया गया है. हालांकि, स्कूल और कुछ अन्य संस्थानों की वास्तविकता यह बताती है कि मेनू केवल कागजों तक ही सीमित है.

बिजाकुरा प्राइमरी स्कूल के अधिकारियों ने कहा है कि वे लगभग एक सप्ताह से बच्चों को कोई सब्जी नहीं खिला रहे हैं. खाने में चावल और दाल या सिर्फ़ हल्दी चावल शामिल है. स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक ने सब्ज़ियों की कमी के लिए मिड-डे मील सप्लायरों द्वारा सब्ज़ियां न पहुंचाने को ज़िम्मेदार ठहराया है. वहीं सप्लायरों का कहना है कि उन्हें बकाया राशि का भुगतान न किए जाने के कारण सब्ज़ियां नहीं मिल पा रही हैं. इस आरोप-प्रत्यारोप के बीच, सरकार द्वारा निर्धारित मिड-डे मील से वंचित बच्चे रह रहे हैं.

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इंडिया टुडे से बात करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र नाथ मिश्रा ने वादा किया है कि वह इस मामले की गहन जांच करवाएंगे. पता करवाएंगे की गलती कहां है.  उन्होंने कहा,

"यह मामला आपके माध्यम से मेरे संज्ञान में आया है. मैं आज ही इसकी जांच कराऊंगा तथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी."

वगीं वार्ड पंच रामप्रसाद राम ने कहा,

"सब्ज़ियों की कमी के कारण हम बच्चों को उचित भोजन उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं."

रसोइया सुखिया देवी ने कहा,

"अगर हमें सब्ज़ियां नहीं मिलती हैं, तो हम बच्चों को नहीं दे पाते हैं. कभी दाल चावल खाते हैं, कभी सिर्फ़ चावल. जब हम सब्ज़ियां मांगते हैं, तो ये लोग कहते हैं कि सब्ज़ियां उपलब्ध नहीं हैं."

मामला सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि ऐसी शिकायतों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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