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'सनातन धर्म' मामले में बैकफुट पर DMK? एमके स्टालिन और उनके मंत्री के बयान पढ़े क्या?

ये सारा बखेड़ा शुरू हुआ था एमके स्टालिन के बेटे और उनकी सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन की एक टिप्पणी से. इसमें उन्होंने सनातन धर्म की आलोचना करते हुए उसे समाप्त करने का आह्वान किया था.

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तमिलनाडु के CM स्टालिन (बाएं) के आग्रह के बाद सरकार में मंत्री पीके शेखर बाबू का बयान आया है (फोटो सोर्स- आजतक और X @PKSekarbabu)

सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी मामले में DMK अब बैकफुट पर दिख रही है. इस मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK प्रमुख एमके स्टालिन ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे सनातन धर्म पर बोलने से परहेज करें. वहीं एमके स्टालिन की सरकार में मंत्री शेखर बाबू ने कहा है कि उनकी पार्टी हिंदुओं का 'स्वागत' और सनातन धर्म में मानने वालों को सपोर्ट भी करती है.

ये सारा बखेड़ा शुरू हुआ था एमके स्टालिन के बेटे और उनकी सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन की एक टिप्पणी से. इसमें उन्होंने सनातन धर्म की आलोचना करते हुए उसे समाप्त करने का आह्वान किया था. उदयनिधि स्टालिन ने कहा था,

"सनातन धर्म लोगों को जाति, धर्म के नाम पर बांटने वाला विचार है. इसे ख़त्म करना ही मानवता और समानता को बढ़ावा देना है. जिस तरह हम मच्छर, डेंगू, मलेरिया और कोरोना को ख़त्म करते हैं, उसी तरह सनातन धर्म का विरोध भर नहीं बल्कि इसे समाज से पूरी तरह ख़त्म कर देना चाहिए."

RSS, BJP के अलावा दक्षिणपंथी संगठनों की तरफ से भी उदयनिधि के इस बयान के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया आई. उनके खिलाफ मुक़दमे दर्ज किए गए. हालांकि भारी विरोध के बावजूद वो अपनी बात पर कायम रहे. विवाद तब और गहराया जब DMK संसद ए राजा और तमिलनाडु में DMK सरकार में उच्च शिक्षामंत्री के पोनमुडी ने भी उदयनिधि के बयानों को आगे बढ़ाते हुए 'सनातन धर्म को ख़त्म करने' की बात कही.

लेकिन अब DMK के सुर बदले-बदले से लग रहे हैं. सीएम और उदयनिधि के पिता एमके स्टालिन ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा,

स्टालिन ने आगे कहा,

"मैं DMK के नेताओं और कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि वो इस तरह की ध्यान भटकाने वाली रणनीति पर प्रतिक्रिया न करें. और मणिपुर हिंसा, अडानी हिंडनबर्ग, कैग रिपोर्ट में 7 लाख 50 हजार करोड़ रुपए और दूसरे जरूरी मुद्दों पर BJP से सवाल पूछते रहें. BJP की 9 साल की विफलताएं उजागर करें. हम सवाल उठाते रहेंगे और INDIA भी."

हालांकि इससे पहले सीएम स्टालिन का रुख कुछ और था. तब उन्होंने अपने बेटे का बचाव करते हुए कहा था,

"BJP समर्थक दमनकारी ताकतें, दमनकारी सिद्धांतों के खिलाफ रुख बर्दाश्त नहीं कर पाती हैं. उन्होंने झूटी कहानी फैलाई कि उदयनिधि ने सनातन विचारों वाले लोगों के नरसंहार का आह्वान किया."

स्टालिन ने RSS प्रमुख मोहन भागवत को कोट करते हुए कहा कि संघ प्रमुख ने भी कहा है कि हमने अपने ही साथी मनुष्यों को सामाजिक व्यवस्था में पीछे रखा. हमने उनकी परवाह नहीं की और यह लगभग 2 हजार सालों तक चलता रहा. ये स्टालिन का बीते हफ्ते दिया गया बयान है. लेकिन 13 सितंबर को उनका रुख अलग था.

'सनातन' पर कंप्लीट यू-टर्न?

बयानबाजी के बीच एमके स्टालिन ने DMK के नेताओं और कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे सनातन धर्म पर टिप्पणी न करें. स्टालिन की इस अपील का असर भी दिखा. सरकार में मंत्री पीके शेखर बाबू ने कहा कि हम सनातन धर्म को मानने वालों का स्वागत करते हैं. इंडिया टुडे से जुड़े प्रमोद माधव की खबर के मुताबिक, शेखर बाबू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा,

"हम सनातन धर्म के मानने वालों का विरोध नहीं करते हैं. लेकिन इसके कुछ सिद्धांत जैसे- महिलाओं को शिक्षित होने से रोकना, 'सती प्रथा', कुल-कलवी' प्रगतिशील (प्रोग्रेसिव) नहीं हैं. हम कहते हैं कि लोगों में कोई भेद या बंटवारा नहीं होना चाहिए, हम छुआछूत मिटाना चाहते हैं. और चूंकि ये सब सनातन में शामिल है इसलिए हम इसका विरोध करते हैं."

शेखर बाबू ने ये भी कहा कि DMK एक समावेशी सरकार चलाती है. हाल ही में सरकार ने सभी जातियों के 93 पुजारियों को सर्टिफिकेट दिए हैं, जिनमें 3 महिलाएं भी हैं.

तमिलनाडु में बीजेपी के प्रमुख अन्नमलाई ने सनातन टिप्पणी मामले को जोर-शोर से उठाया था. इस पर शेखर बाबू का कहना है,

"तमिलनाडु BJP प्रमुख अन्नामलाई ने दावा किया कि महिलाएं अपनी पवित्रता की रक्षा के लिए सती प्रथा मानती हैं. वो कन्फ्यूज्ड हैं. वो समझ नहीं पा रहे कि तमिलनाडु में अपनी पार्टी को कैसे जिताएं."

शेखर बाबू कहते हैं कि अन्नामलाई बेमतलब की बातें कर रहे हैं. उन्होंने सनातन के मुद्दे को सिर्फ इसलिए उठाया है क्योंकि राज्य में जिस तरह सरकार चल रही है, उनके पास बोलने के लिए और कुछ नहीं है.