तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान के एक चर्चित फैशन मॉडल अजमल हकीकी (Ajmal Haqiqi) को गिरफ्तार किया है. मॉडल पर इस्लाम और कुरान के अपमान का आरोप लगाया गया है. अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, अजमल हकीकी अपने फैशन शो, यूट्यूब वीडियोज और मॉडलिंग इवेंट्स के लिए जाने जाते हैं. मामले में अजमल के तीन सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया गया है. तालिबान इंटेलीजेंस एजेंसी ने बीते मंगलवार, 7 जून को ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें अजमल और उनके साथियों के हाथ में हथकड़ी लगी थी.
दोस्त ने कुरान की लाइनें पढ़ीं, मॉडल हंस दिया, तालिबानियों ने बुरा हाल कर दिया
तालिबान ने मॉडल का वीडियो रिलीज किया, हाथों में हथकड़ी मांग रहे माफ़ी
रिपोर्ट के मुताबिक सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ. इसमें अजमल के एक दोस्त गुलाम सखी कुरान की कुछ पंक्तियों को मजाकिया अंदाज में कहते दिखे. इस पर अजमल भी हंसते नजर आए. इसी वीडियो के आधार पर उन्हें गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के बाद तालिबान ने हकीकी और उनके साथियों का वीडियो रिलीज किया. इसमें वे जेल यूनिफॉर्म में नजर आ रहे हैं और तालिबान सरकार से माफी मांग रहे हैं. इस वीडियो के साथ तालिबान ने लिखा कि कुरान की आयतों और पैगंबर मोहम्मद के अपमान की अनुमति किसी को नहीं है.
गिरफ्तारी के बाद अंतरराष्ट्रीय संस्था एमेनेस्टी इंटरनेशनल ने तालिबान से अजमल हकीकी और उनके साथियों को तुंरत और बिना शर्त रिहा करने की मांग की है. एमेनेस्टी ने बुधवार, 8 जून को एक बयान जारी किया. इसमें एमेनेस्टी की साउथ एशिया कैंपेनर समीरा हमीदी ने कहा,
"यूट्यूबर हकीकी और उनके साथियों की जबरन गिरफ्तारी तालिबान द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बड़ा हमला है. उन्हें जबरन माफी मांगने को मजबूर किया गया. यह घटना सबूत है कि तालिबान जबरन गिरफ्तारी और लोगों को चुप कराकर अफगानिस्तान में डर का माहौल बना रहा है. तालिबान लोगों के स्वतंत्र विचारों पर सेंसरशिप लगाना बंद करे."
रिपोर्ट्स के मुताबिक हकीकी ने 5 जून को ही अपने वीडियो के लिए माफी मांग ली थी. इसके बावजूद उनकी गिरफ्तारी हुई. इसके बाद 7 जून को तालिबान की इंटेलीजेंसी एजेंसी ने भी अजमल और उनके साथियों का वीडियो पोस्ट किया. इसमें वे अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांग रहे हैं.
पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता हथियाने के बाद तालिबान ने कई कड़े प्रतिबंधों को लागू किया था. इससे लोगों के बुनियादी अधिकारों का हनन हो रहा है. खासकर महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए देश में मुश्किलें खड़ी हो गई हैं. पिछले महीने तालिबान ने आदेश जारी किया था कि टीवी चैनलों पर महिला एंकर्स चेहरा ढककर रहें. अफगानिस्तान के कई मीडिया संगठनों ने इस आदेश का विरोध किया था. TOLO News में पुरुष एंकरों ने अपने चेहरे को ढककर न्यूज़ प्रोग्राम किए और विरोध जताया.
पिछले महीने ही तालिबान ने एक और फरमान जारी किया था, जिसमें महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर सिर से पैर तक बुर्का पहनने का आदेश भी शामिल था. ऐसा नहीं करने पर उनके पति या पिता को सजा देने का ऐलान किया गया था.
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