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'ओशो के आश्रम में 12 साल की उम्र में मेरा रेप हुआ'- सालों बाद सामने आई महिला ने सुनाई कहानी

चिल्ड्रन ऑफ द कल्ट नाम की एक डॉक्यूमेंट्री आने वाली है. इसमें एक ब्रिटिश महिला की कहानी बताई गई है. साथ ही दो अन्य ब्रिटिश महिलाओं की भी कहानी बताई गई है जो कल्ट से बच निकलीं. उन्होंने इंटरव्यू में कहा कि वो चाहती हैं कि दुनिया को पता चले कि उनके और अनगिनत अन्य लोगों के साथ क्या हुआ.

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चिल्ड्रन ऑफ द कल्ट नाम की एक डॉक्यूमेंट्री आने वाली है. (फ़ोटो- इंडिया टुडे)

Prem Sargam नाम की एक महिला ने भारतीय धर्मगुरु रजनीश, जिन्हें ओशो (Osho) के नाम से भी जाना जाता है, उनपर कई आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा है कि ओशो के पुणे के आश्रम में उनका रेप हुआ था. प्रेम सरगम ने एक इंटरव्यू में कहा है कि छह साल की उम्र से ही उन्हें तीन आश्रमों में बड़े पैमाने पर यौन शोषण का सामना करना पड़ा. प्रेम सरगम ने दावा किया कि वो ओशो के कुख्यात "सेक्स कल्ट "में पली-बढ़ी हैं.

द टाइम्स को दिए इंटरव्यू में प्रेम ने बताया कि वो यूके में रहती थी. जब वो छह साल की थी कि तब उनके पिता ने यूके में अपना घर छोड़ दिया और पुणे में कल्ट आश्रम में शामिल हो गए. उनकी मां उनके साथ यहां नहीं आई थीं. उनके पिता आध्यात्मिक ज्ञान की तलाश में संन्यासी हो गए. प्रेम जल्दी ही कल्ट में शामिल हो गईं. वहां उन्हें अपना नाम बदलने, भगवा कपड़े पहनने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा, 

"वहां के दर्शन में बच्चों को माता-पिता की यौन आज़ादी (सेक्शुअल फ्रीडम) में बाधा की तरह देखा जाता था. ''संयासी शिक्षा'' के इस भयानक और गैर-कानूनी पक्ष को ओशो के अनुयायियों ने जल्दी ही आत्मसात कर लिया. इसी के चलते (आश्रम में) ओशो के अनुयायियों के बीच पीडोफीलिया (बच्चों के लिए यौन इच्छा रखना) आम हो गया था."

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प्रेम बचपन से ओशो कल्ट का हिस्सा थीं. उनका कहना है कि ये उनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था. प्रेम अब ब्रिटेन में रहती हैं. इंटरव्यू में उन्होंने आगे कहा,

"मेरा शोषण सात साल की उम्र से शुरू हुआ था. मैं सोचती थी कि यह कितना अजीब है. 12 साल की उम्र में आते-आते रेप होने लगा. 7 से 11 साल की उम्र के बीच मुझे और मेरी सहेलियों को कम्यून में रहने वाले वयस्क पुरुषों के साथ यौन क्रियाएं करने के लिए मजबूर किया गया. यह सब यहीं नहीं रुका. मुझे बाद में अकेले सफ़ोक में मदीना आश्रम भेज दिया गया. यहां मुझे एक "बोर्डिंग स्कूल" के कार्यक्रम में भाग लेना था. तब भी मेरा शोषण हुआ. जब मैं 12 साल की हुई, तब मुझे अमेरिका भेज दिया गया. यहां मैं अपनी मां के साथ ओरेगन के एक आश्रम में रहने लगी. मुझे 16 साल की उम्र में ही समझ आ गया कि क्या हुआ था."

प्रेम ने कहा कि ओशो के मूवमेंट का मानना था कि बच्चों को सेक्सुअलिटी से अवगत कराया जाना चाहिए. और प्यूबर्टी से गुजर रही लड़कियों को वयस्क पुरुषों द्वारा गाइड किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा,

"बच्चों को सेक्सुअलिटी से अवगत होना अच्छा माना जाता था."

चिल्ड्रन ऑफ द कल्ट नाम की एक डॉक्यूमेंट्री आने वाली है. इसमें प्रेम सरगम की कहानी बताई गई है. साथ ही दो अन्य ब्रिटिश महिलाओं की भी कहानी बताई गई है जो कल्ट से बच निकलीं. प्रेम ने इंटरव्यू में कहा कि वो चाहती हैं कि दुनिया को पता चले कि उनके और अनगिनत अन्य लोगों के साथ क्या हुआ. वो सभी मासूम बच्चे थे, जिनका आध्यात्मिक ज्ञान के नाम पर शोषण और दुर्व्यवहार किया गया.

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