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चोरी हुए iPhones का पता लगाना एप्पल इंडिया की ज़िम्मेदारी नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने कस्टमर के मुआवज़े की बात को स्वीकारते हुए कहा कि एप्पल इंडिया कस्टमर के चोरी हुए फ़ोन को ढूंढने के लिए बाध्य नहीं है.

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कंज्यूमर फोरम के फैसले को कोर्ट ने पलट दिया. (फ़ोटो/IOS Gadget)

सुप्रीम कोर्ट ने चोरी हुए iPhones के लिए एक बड़ा फ़ैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि चोरी हुए iPhones का पता लगाना Apple India की ज़िम्मेदारी नहीं है. ये भी कहा कि Unique Identity Numbers का इस्तेमाल करके चोरी हुए आईफोन का पता लगाना Apple का काम नहीं है. ये कहकर कोर्ट ने ओडिशा कंज्यूमर कमीशन की टिप्पणी को नकार दिया. साथ ही कोर्ट ने ओडिशा स्टेट कंज्यूमर कमीशन के फ़ैसले को "अनुचित" माना. 

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक़, एक कस्टमर ने आईफोन खरीदा था. थेफ्ट इंश्योरेंस माने चोरी के बीमा के साथ. लेकिन कुछ समय बाद उसका फ़ोन चोरी हो गया. उसने पुलिस और एप्पल इंडिया को इसकी सूचना दी. लेकिन एप्पल इंडिया ने चोरी हुई डिवाइस को ट्रैक करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की. 

बाद में कस्टमर ने डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम में एप्पल इंडिया के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई. फोरम ने कस्टमर के पक्ष में फ़ैसला सुनाया. ओडिशा स्टेट कंज्यूमर कमीशन ने फ़ैसले मे कहा कि एप्पल इंडिया आईफोन का मैन्युफैक्चरर है. इसलिए वो यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर के ज़रिए चोरी हुई डिवाइस का पता लगाने के लिए बाध्य है.

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रिपोर्ट के मुताबिक़, एप्पल इंडिया ने कंज्यूमर फोरम के इस फ़ैसले पर आपत्ति जताई. और सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया.

जस्टिस विक्रम नाथ और सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कंज्यूमर कमीशन के आदेश के ख़िलाफ़ एप्पल इंडिया द्वारा दायर अपील पर सुनवाई की. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा स्टेट कंज्यूमर कमीशन के फ़ैसले को अनुचित बता दिया.

सुप्रीम कोर्ट ने कस्टमर के मुआवज़े की बात को स्वीकारते हुए कहा कि एप्पल इंडिया कस्टमर के चोरी हुए फ़ोन को ढूंढने के लिए बाध्य नहीं है.

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