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'बेल के लिए इंतजार कीजिए... ' केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट का जवाब, HC पर भी की बड़ी टिप्पणी

Supreme Court ने Arvind Kejriwal की जमानत के आदेश पर अंतरिम रोक हटाने से इनकार करते हुए कहा, 'हमें दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. जब हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, तो हमारा दखल देना उचित नहीं है.' सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट पर भी एक बड़ी टिप्पणी की है.

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सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुनवाई टाली(फोटो: इंडिया टुडे)

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) की याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का हवाला देते हुए फैसला टाल दिया है. सोमवार, 24 जून को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) और जस्टिस एसवी एन भाटी (Justice SV N Bhati) की बेंच ने केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की. इससे पहले 21 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर अंतरिम रोक लगा दी थी. 

इंडिया टुडे से जुड़ीं कनु शारदा और संजय शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल की तरफ से बताया गया कि हाईकोर्ट में उनकी अर्जी पर सुनवाई नहीं हो रही है. सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने हाईकोर्ट के स्टे को न्याय प्रक्रिया का उल्लंघन बताया. इस पर जस्टिस मनोज मिश्रा ने एक दो दिन में मामले पर हाईकोर्ट का आदेश आने की संभावना जताई है. इस पर सिंघवी ने निचली अदालत के फैसले का हवाला देते हुए अंतरिम तौर पर रिहा करने की बात कही. जिस पर जस्टिस मिश्रा ने कहा,

'अगर हम अभी आदेश पारित करते हैं, तो हम मामले पर हाई कोर्ट से पहले ही फैसला सुना देंगे.'

इस पर जवाब देते हुए अरविंद केजरीवाल के एक और वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को आदेश दिया था. इसमें केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी गई थी. तब कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था,

'केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं. उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. उनकी फ्लाइट यानी फरारी का भी कोई रिस्क नहीं है. '

सोमवार को सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि हाईकोर्ट ने बिना कारण बताए ही जमानत के आदेश पर रोक का फैसला सुना दिया था. जबकि उन्होंने हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के पुराने 10 फैसले रखे थे. और बताया था कि इन फैसलों के मुताबिक एक बार जमानत दिए जाने पर बिना विशेष कारणों के उसे नहीं रोका जा सकता.

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सभी दलीलें सुनने के बाद कहा कि केजरीवाल पहले हाई कोर्ट से अपनी अर्जी वापस लें, फिर हमारे पास आएं. आगे कहा, ‘जब हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है, तो हमारा दखल देना उचित नहीं है. अब हम हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद बुधवार, 26 जून को इस पर सुनवाई करेंगे.’

हालांकि, इस दौरान जस्टिस मनोज मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट पर भी एक बड़ी टिप्पणी की. कहा, ‘अमूमन स्टे के मामलों में फैसले सुरक्षित नहीं रखे जाते, बल्कि मौके पर ही पारित कर दिए जाते हैं. यहां जो हुआ वह असामान्य है.’

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क्या है मामला?

शुक्रवार 21 जून को केजरीवाल की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी. जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट ने निचली अदालत से मिली जमानत के फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी थी. जस्टिस सुधीर कुमार जैन की सिंगल जज बेंच ने ईडी की याचिका पर ये फैसला दिया था. 21 जून को ईडी ने राउज एवेन्यू के आदेश को चुनौती दी थी. इस अपील पर हुई सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. और दो से तीन दिन में विस्तृत आदेश देने की बात कही थी.

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