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महिलाओं को हर साल मिलेंगे दस हजार रुपये, जानिए कैसे ले सकते हैं सुभद्रा योजना का लाभ

Odisha’s Subhadra scheme explained : PM Narendra Modi अपने 74वें जन्मदिन के मौक़े पर 17 सितंबर को योजना का शुभारंभ करने जा रहे हैं. साल में 5,000-5,000 की दो किस्त महिलाओं के खाते में ट्रांसफर की जाएगी.

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ओड़िशा में 21 से 60 साल की उम्र की पात्र महिला लाभार्थियों को हर साल 10,000 रुपये दिए जाएंगे. (फ़ोटो - PTI)

ओडिशा सरकार सुभद्रा योजना (Odisha government Subhadra Yojana) के तहत राज्य में 21 से 60 साल की उम्र की पात्र महिला लाभार्थियों को हर साल 10,000 रुपये देने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 74वें जन्मदिन यानी 17 सितंबर 2024 से पात्र महिलाएं इस योजना का लाभ ले सकती हैं. सूबे की मोहन चरण माझी सरकार (Mohan Charan Majhi government) योजना को लागू करने (और प्रचार में भी) के लिए हर तरह जुटी हुई है. राज्य भर में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. सभी सरकारी विभागों को अपने ऑफ़िशियल सोशल मीडिया हैंडल्स में सुभद्रा लोगो इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है.

क्या है योजना?

इस योजना के तहत पांच साल (2024-25 से 2028-29) के दौरान राज्यभर में 1 करोड़ से ज़्यादा महिलाओं को सालाना 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. रक्षा बंधन (आमतौर पर अगस्त में) और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) को पांच-पांच हज़ार रुपये की दो किस्तों में ये राशि दी जाएगी. 50 लाख से ज़्यादा महिलाएं योजना के लिए पहले ही रजिस्ट्रेशन करा चुकी हैं.

इस योजना का नाम सुभद्रा देवी के नाम पर रखा गया है. सुभद्रा, ओडिशा के इष्टदेव भगवान जगन्नाथ की छोटी बहन हैं और 90% हिंदू बहुल इस राज्य में बहुत पूजनीय हैं. जगन्नाथ और बलभद्र (बलराम) के साथ तिकड़ी (भाई-बहन की) का हिस्सा हैं.

कैसे काम करेगी योजना?

पैसे सीधे लाभार्थी महिला के आधार के ज़रिए बैंक खाते में जमा किया जाएगा. सरकार ने इस योजना के लिए e-KYC अनिवार्य कर दिया है. लाभार्थियों को सुभद्रा डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा. हर ग्राम पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय क्षेत्र में सबसे ज़्यादा डिजिटल लेनदेन करने वाली कुल 100 लाभार्थियों को 500 रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि भी मिलेगी. आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों की महिलाएं, सरकारी कर्मचारी और इनकम टैक्सपेयर इस योजना के लिए एलिजिबल नहीं होंगी.

किसी अन्य सरकारी योजना के तहत 1,500 रुपये या उससे ज़्यादा हर माह (या 18,000 रुपये या उससे हर साल) सहायता हासिल करने वाली महिलाओं को भी इस योजना से बाहर रखा जाएगा. ओडिशा भर में बैंकों, पोस्ट ऑफ़िसेज़ और कॉमन सर्विस सेंटरों में इस योजना के लिए नामांकन कराने या अपने आधार डिटेल्स अपडेट कराने के लिए महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है. पंजीकरण कराने की कोई आख़िरी तारीख़ नहीं है. यह प्रक्रिया तब तक जारी रहेगी, जब तक सभी पात्र लाभार्थियों का रजिस्ट्रेशन नहीं हो जाता.

पैसा कहां से आएगा?

इंडियन एक्सप्रेस की एक ख़बर के मुताबिक़, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इस योजना के लिए पांच साल का 55,825 करोड़ रुपये बजट रखा गया है. चालू (2024-25) वित्त वर्ष के लिए इस योजना के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है. राज्य वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना के लिए कोई वित्तीय बाधा नहीं होगी और सरकार इस पर अपना पूरा ध्यान देती रहेगी.

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राजनीतिक मायने

सुभद्रा योजना विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले BJP का बड़ा वादा था. इसने विधानसभा में तो BJD के 24 साल के शासन को ख़त्म किया ही. साथ ही, राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 20 पर भी BJP को जीत दिलाने में मदद की. महिलाएं 24 सालों से BJD की चुनावी सफलता के पीछे बड़ी कारक रहीं. मिशन शक्ति के तहत संगठित 6 लाख महिला स्वयं सहायता समूहों (WSHG) की 70 लाख सदस्यों ने BJD की ख़ासी मदद की.

इसका मुकाबला करने के लिए BJP ने अपने चुनाव घोषणापत्र में ये प्रत्यक्ष धन हस्तांतरण (DTB) की योजना प्रस्तावित की. BJP ने चुनाव के दौरान इसका बार-बार ज़िक्र कर, इसे भुनाने की भी कोशिश की. इसके बाद, सरकार ने 12 जून को शपथ लेने के कुछ ही घंटों के भीतर अपने चुनावी वादे में कुछ बदलावों के साथ इस योजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दे दी.

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