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अयोध्या में वंदे भारत ट्रेन पर पत्थरबाजी बकरियों की मौत का बदला था

ट्रैक पर आई छह बकरियां वंदे भारत की चपेट में आ गई थीं.

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पथराव के बाद वंदे भारत की खिड़की के शीशे चकनाचूर हो गए. (फोटो- आजतक/ट्विटर)

कर्नाटक, बंगाल, बिहार, आंध्र प्रदेश और गुजरात के बाद अब उत्तर प्रदेश में वंदे भारत ट्रेन पर पथराव की घटना सामने आई है. गोरखपुर से लखनऊ की ओर जा रही वंदे भारत पर पत्थर फेंके गए हैं. इस कारण ट्रेन की खिड़कियों को नुकसान पहुंचा है. इस बार की पत्थरबाजी को बदला लेने का मामला बताया जा रहा है.

गोरखपुर-लखनऊ वंदे भारत (22549) पर पत्थर फेंकने की घटना अयोध्या के सोहावल में 10-11 जुलाई की दरमियानी रात में हुई. पत्थर फेंके जाने से कोच सी1, सी3 और एग्जिक्यूटिव कोच की खिड़कियों के शीशे टूट गए. अचानक हुए पथराव से कोच में बैठे यात्रियों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया. हालांकि, घटना में किसी यात्री को चोट नहीं आई.

6 बकरियों की मौत से आक्रोशित थे

वंदे भारत में हुए पथराव के बाद RPF ने मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस को दी. पुलिस ने जांच शुरू की और तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. मामले में एक शख्स और उसके दो पुत्रों को हिरासत में लिया गया. आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि 9 जुलाई के दिन वंदे भारत ट्रेन की चपेट में आने से उनकी बकरियों की कटकर मौत हो गई थी. वो इस बात से आहत थे. इसीलिए तीनों ने आक्रोशित होकर वंदे भारत पर पत्थरबाजी कर दी. घटना को लेकर अयोध्या के SSP राज करन नैय्यर ने बताया,

“हमें 11 जुलाई की रात को सोहावल स्टेशन के पास वंदे भारत ट्रेन पर पत्थर फेंके जाने की सूचना मिली थी. इस संबंध में स्थानीय लोगों ने मौके पर जांच की तो पता चला कि मुन्नू पासवान नाम के व्यक्ति की छह बकरियां ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आ गई थीं. इस कारण सभी की मौत हो गई. इसी के आक्रोश में आकर मुन्नू और उसके दो बेटे अजय और विजय ने ट्रेन पर पत्थर फेंके हैं.”

SSP ने आगे बताया कि तीनों से पूछताछ की जा रही है. मौके पर RPF मौजूद है और घटना में कोई भी यात्री घायल नहीं हुआ है.

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