
हनुमान जी के मंदिर में लग गई विधायक के डाकू डैडी की मूर्ति
और मंदिर भी वो जो उस डकैत ने खुद बनवाया था, पुलिस की गोली से बचने की खुशी में.

यूपी के फतेहपुर में कबरहा गांव है. वहां के हनुमान मंदिर में डकैत ददुआ की मूर्ति लग गई है. आईजी छाती ठोंक के कहे थे एक डकैत की मूर्ति नहीं लगने देंगे. पुलिस खड़ी रह गई. लोग चुपके से मूर्ति लगा गए. पहले मूर्ति पर गद्दा-गत्ता रख के ढंक दिए थे. जैसे ही मौका मिला मूर्ति मंदिर में लगा दिए. ये मंदिर खुद उस डकैत ने बनवाया था. पिछले 10 दिन से वहां मंदिर पुजाई चल रही थी. रविवार को भंडारा था. लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह को भी वहां पहुंचना था, लेकिन अंतिम मौके पर टांग पीछे खींच लिए. उनको सुगबुगी मिल गई थी कि वहां डकैत की मूर्ति लगनी है. ऐसे मौके पर जो जाते तो पॉलिटिकल पंचायत खड़ी हो जाती. हैलीपेड बना था कि मंत्री जी आएंगे, प्लेन उतरेगा, पुलिस वाले स्टेनगन लिए खड़े थे, लिए खड़ेन रह गए, हैलीपेड बना ही रह गया. बता दें कि ददुआ डकैत का भाई बालकुमार पहले सांसद था. लड़का वीर सिंह कर्वी से विधायक है और भतीजा पट्टी से विधायक है. कम कहे को ज्यादा समझना. जो मूर्ति लगी है उसके बगल में ददुआ की मेहरारू की मूर्ति भी लगी है. ददुआ अपनी मूर्ति में खाया-पिया अघाया जना रहा है. जबकि 25 साल तक जो उसकी जो फोटो पुलिस के पास थी उसमें ऐसा दिखता था.
भले आज उसकी मूर्ति लग रही हो और वो मंदिर में भगवान बना बैठा हो. पर एक टाइम ददुआ पर यूपी पुलिस का रखा 5 लाख का इनाम था. एमपी पुलिस ने भी उस पर एक लाख का इनाम रखा था. अकेले यूपी में उस पर 240 से ज्यादा केस थे. ऐसे-वैसे नहीं किडनैपिंग और मर्डर के. इसी आदमी ने रामपुरवा में नौ लोगों को एक साथ गोली मार दी थी और मऊ गुरदरी में दो लोगों को जिंदा जला दिया था. ये मंदिर जो बना है वो भी उसने तब बनवाने की सोची थी जब 1992 में फतेहपुर के घटईपुर और नरसिंहपुर कबरहा में पुलिस के घेरे में फंस गया था. गन्ने के खेत में ये और इसके साथी और दूसरी तरफ इलाहाबाद, बांदा और फतेहपुर पुलिस के 500 जवान थे. उस दिन जो बचा तो 1996 में वहां मंदिर बनवा दिया. जिंदगी में बस दो बार पुलिस के हाथ आया था. दूसरी बार 22 जुलाई 2007 को मरने के बाद और पहली बार तब जब सन 1975 में पहले अपराध पर पकड़ाया था. और अपराध क्या था? भैंस चुराई थी.
