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Starbucks की कॉफी से जले थे कस्टमर के प्राइवेट पार्ट्स, कंपनी को देना होगा 435 करोड़ हर्जाना

कंपनी को ये जुर्माना एक शख्स को देना होगा जो Starbucks की कॉफी से गंभीर रूप से जल गया गया था. दरअसल, शख्स ने आरोप लगाया है कि उसने स्टारबक्स के एक आउटलेट से कॉफी ली थी. लेकिन ढक्कन ढंग से बंद नहीं होने की वजह से कॉफी उसकी गोद में गिर गई और वह गंभीर रूप से झुलस गया.

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स्टारबक्स पर 5 करोड़ डॉलर का हर्जाना लगा है (फोटो: आजतक)

दुनिया की जानी-मानी कंपनी स्टारबक्स (Starbucks). सफेद कप पर हरे रंग की जलपरी का लोगो और सोशल स्टेटस मेंटेन रखने का कथित तरीका. साल 1971 में अमेरिका के सियाटल में किसी चौराहे पर स्टारबक्स का पहला स्टोर खुला था. आधी सदी बीत गई और आज स्टारबक्स कॉफी की दुकानों की सबसे बड़ी चेन है. 80 देशों में 30 हजार स्टोर्स. आज चर्चा में है एक केस की वजह से. 

इस कंपनी पर 5 करोड़ डॉलर (करीब 435 करोड़) का हर्जाना लगाया गया है. कंपनी को ये जुर्माना एक शख्स को देना होगा जो स्टारबक्स की कॉफी से गंभीर रूप से जल गया गया था. दरअसल, शख्स ने आरोप लगाया है कि उसने स्टारबक्स के एक आउटलेट से कॉफी ली थी. लेकिन ढक्कन ढंग से बंद नहीं होने की वजह से कॉफी उसकी गोद में गिर गई और वह गंभीर रूप से झुलस गया. 

क्या है पूरा मामला?

अमेरिकी अखबार लॉस एंजिल्स डेली न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, ये पूरा मामला आज से लगभग 5 साल पहले शुरू होता है. तारीख- 8 फरवरी, 2020. माइकल गर्सिया नाम के एक डिलिवरी ड्राइवर ने स्टारबक्स के आउटलेट से कॉफी खरीदी. उन्होंने 3 सुपर साइज ड्रिंक्स ऑर्डर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, उन तीन ड्रिंक्स में एक की पैकिंग सही से नहीं की गई थी. जब माइकल ने ट्रे अपने हाथ में ली तो हॉट ड्रिंक उनकी गोद में पलट गई. जिससे उनके प्राइवेट पार्ट्स, कमर और भीतरी जांघों पर थर्ड डिग्री जलन हुई. 

इसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कैलीफोर्निया की एक अदालत पीड़ित के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कंपनी पर 5 करोड़ डॉलर का हर्जाना लगा दिया. भारतीय रुपयों में ये रकम 434.78 करोड़ रुपये होती है. ‘ट्रायल लॉयर्स फॉर जस्टिस’ के मुताबिक, 

‘अस्पताल में भर्ती होने और कई स्किन ग्राफ्टिंग के बाद, माइकल ने पांच साल दर्द में गुजारे हैं. जलने की वजह से उत्पन्न दर्द और जलन के अलावा उन्हें मानसिक नुकसान भी झेलना पड़ा.’

दोनों पक्षों के बयान

रिपोर्ट के मुताबिक, गार्सिया का केस लड़ने वाले वकील और ट्रायल लॉयर्स फॉर जस्टिस के सह-संस्थापक निक रोली ने कहा, 

माइकल गार्सिया का जीवन हमेशा के लिए बदल गया है. कोई भी रकम उनके द्वारा झेले गए नुकसान को वापस नहीं ला सकती है. लेकिन जूरी का यह फैसला स्टारबक्स को जवाबदेह ठहराने में एक महत्वपूर्ण कदम है. जिसमें ग्राहक की सुरक्षा के ध्यान नहीं रखा गया.

वहीं, स्टारबक्स के प्रवक्ता जेसी एंडरसन ने कहा कि वे गार्सिया के साथ सहानुभूति रखते हैं. आगे उन्होंने कहा,

हम जूरी के इस फैसले से असहमत हैं कि इस घटना के लिए हम दोषी थे. हमारा मानना ​​है कि दिए गए हर्जाने की राशि बहुत ज्यादा है. हम हमेशा अपने स्टोर में उच्चतम सुरक्षा मानकों के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं.

‘स्टारबक्स’ की तरफ से कहा गया है कि वे इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.

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समझौते की पेशकश की गई थी 

रिपोर्ट के मुताबिक, स्टारबक्स ने मुकदमे से पहले समझौता करने की कोशिश की थी. कंपनी ने 30 मिलियन डॉलर (करीब 261 करोड़ रुपये) देने की पेशकश की थी. हालांकि, माइकल ये पेशकश स्वीकार करने के लिए तैयार भी हो गए थे. लेकिन गर्सिया चाहते थे कि कंपनी अपनी नीतियों में बदलाव करे और अपनी गलती के लिए सार्वजनिक माफी मांगे. लेकिन, स्टारबक्स ने कथित तौर पर उन शर्तों को मानने से मना कर दिया. इसके बाद माइकल कोर्ट पहुंचे.

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