दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट आसमान में जाकर ब्लास्ट हो गया और इसी के साथ एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स इतिहास रचते-रचते रह गई. लेकिन फिर भी स्पेसएक्स हेडक्वार्टर में एम्प्लॉई खुशी मनाते नज़र आए. दरअसल, गुरुवार को मंगल पर इंसानों को ले जाने वाले रॉकेट स्टारशिप की लॉन्चिंग थी, जो भारतीय समयानुसार 20 अप्रैल 2023 की शाम करीब सात बजे सफलतापूर्वक हुई भी. ये स्टारशिप रॉकेट 2157 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ान भर रहा था. लेकिन लॉन्च के चार मिनट बाद गल्फ ऑफ मैक्सिको के करीब 33 किलोमीटर ऊपर जाकर रॉकेट में विस्फोट हो गया गया.
स्पेसएक्स के अरबों के रॉकेट में उड़ते ही धमाका, क्यों ताली बजाने लगे एलन मस्क के कर्मचारी?
एलन मस्क का सबसे बड़ा मिशन फेल, फिर भी वो खुश क्यों हैं?
ये स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट था. और रॉकेट को दक्षिणी टेक्सस में बोका चिका स्थित स्टारेबस से लॉन्च किया गया था. स्टेनलेस स्टील से बने इस स्टारशिप रॉकेट को दुनिया के दूसरे सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने बनाया है. स्पेसएक्स ने ट्ववीट कर कहा
‘स्टेज सेपरेशन से पहले स्टारशिप ने रैपिड अनशेड्यूल्ड डिसअसेंबली एक्सपीरियंस की. इस तरह के एक टेस्ट के साथ, हम जो सीखते हैं उससे सफलता मिलती है. आज का टेस्ट हमें स्टारशिप की रिलायबिलिटी में सुधार करने में मदद करेगा. ’
लॉन्च के बाद मस्क ने टीम को बधाई दी और ट्विटर पर लिखा,
‘स्टारशिप के एक्साइटिंग टेस्ट लॉन्च के लिए स्पेसएक्स की टीम को बधाई. कुछ महीनों में अगले टेस्ट लॉन्च के लिए बहुत कुछ सीखा.'
इससे पहले सोमवार को भी इसे लॉन्च करने की कोशिश की गई थी, लेकिन प्रेशर वाल्व के फ्रीज होने के कारण 39 सेकंड पहले ही लॉन्च को रोक दिया गया था. स्पेसएक्स का कहना है कि टीम डेटा का रिव्यू करना जारी रखेगी और अगले फ्लाइट टेस्ट की दिशा में काम करेगी. स्टारशिप के फेल होने के बाद भी स्पेसएक्स हेडक्वार्टर में लोग खुशी मनाते नज़र आए, क्योंकि दुनिया का सबसे ताकतवर रॉकेट का लॉन्चपैड से उड़ना ही अपने आप में बड़ी सफलता है. स्टारशिप लॉन्च से पहले मस्क ने कहा था
‘मैं ये नहीं कह रहा कि ये ऑर्बिट तक पहुंच जाएगा. मुझे लगता है कि इसके ऑर्बिट तक पहुंचने की 50 फीसद उम्मीद है. लेकिन मैं एक्साइटमेंट की गारंटी देता हूं. ये बोरिंग नहीं होगा.’
आपको बता दें इस सुपर हैवी स्टारशिप रॉकेट सिस्टम में 33 रॉकेट इंजन लगाए गए थे. मस्क इसके जरिए इंसानों को चांद और मंगल ग्रह पर भेजना चाहते हैं. ये लॉन्च इसलिए अहम है क्योंकि ये स्पेसशिप ही इंसानों को इंटरप्लेनेटरी बनाएगा. यानी इसकी मदद से पहली बार कोई इंसान पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे प्लेनेट पर कदम रखेगा. एलन मस्क साल 2029 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाकर वहां कॉलोनी बसाना चाहते हैं. स्पेसशिप इंसानों को दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से कम समय में पहुंचाने में भी सक्षम होगा.