सपा नेता आजम खान (Azam Khan) और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) को 2-2 साल की सजा सुनाई गई है. ये सजा मुरादाबाद की MP-MLA स्पेशल कोर्ट ने सोमवार, 13 फरवरी को सुनाई. कोर्ट ने 15 साल पुराने एक मामले में आजम खान और अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया है. मामला छजलैट में हुए हंगामे और जाम का था. छजलैट उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की कांठ तहसील में आता है.
अब आजम खान के बेटे की भी विधायकी जाएगी? दो साल की सजा मिली है
कोर्ट ने 15 साल पुराने मामले में आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम को सजा सुनाई है.

ये मामला 15 साल पुराना है. जनवरी, 2008 का. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आजम खान और दूसरे सपा नेता एक वैवाहिक समारोह में शामिल होने जा रहे थे. इस दौरान छजलैट पुलिस ने आजम खान की कार को चेकिंग के लिए रोका था. इस बात से आजम खान के समर्थक भड़क गए थे. इसके बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं ने काफी हंगामा किया था. जाम लगा दिया था.
इस मामले में पुलिस ने 9 लोगों को आरोपी बनाया था. पुलिस ने हंगामा करने वाले सभी लोगों पर सरकारी काम में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने के आरोप में केस दर्ज किया था. कोर्ट ने आजम खान और अब्दुल्ला आजम को बवाल और सरकारी काम में बाधा डालने का दोषी माना है. वहीं इस मामले के दूसरे 7 आरोपियों को बरी कर दिया गया है. आजतक के जगत गौतम की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें विधायक और पूर्व मंत्री महबूब अली, विधायक मनोज पारस भी शामिल हैं.
बता दें कि अब्दुल्ला आजम खान स्वार सीट से विधायक हैं. इस 2 साल की सजा के बाद उनकी विधायकी जा सकती है. जैसा कि 2019 के हेट स्पीच केस में पिछले साल ही 3 साल की सजा के बाद रामपुर सीट से आजम खान की विधायकी चली गई थी. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 2 साल की सजा मिलने पर किसी भी जनप्रतिनिधि की सदस्यता अपने आप खत्म मानी जाएगी.
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