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BRICS में PM नरेंद्र मोदी के रूठने की 'अफवाह' किसने फैलाई?

दक्षिण अफ्रीका में चल रहे BRICS सम्मेलन को लेकर एक मीडिया आउटलेट ने खबर छापी थी. इसमें कहा गया था कि PM मोदी का अच्छी तरह से स्वागत नहीं किया गया.

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PM मोदी को लेने पहुंचे थे साउथ अफ्रीका के उप राष्ट्रपति मैशाटाइल (फोटो- आजतक/ट्विटर)

साउथ अफ्रीका (South Africa) में PM मोदी के नाराज होने की खबरों को वहां की सरकार ने खारिज कर दिया है. PM मोदी वहां 15वीं ब्रिक्स समिट के लिए गए हुए हैं. इस बीच वहां के एक मीडिया आउटलेट ने विवादित खबर छापी. दावा किया गया कि 22 अगस्त को जब PM मोदी दक्षिण अफ्रीका पहुंचे तो उनके स्वागत के लिए किसी वरिष्ठ अधिकारी को नहीं भेजा गया. इसके बाद PM मोदी ने कथित तौर पर नाराज होकर फ्लाइट से उतरने से मना कर दिया. दावा है कि उसी रात अफ्रीकी राष्ट्रपति खुद जिनपिंग का स्वागत करने गए.

डेली मैवरिक नाम की वेबसाइट में छपी इस खबर की हेडलाइन थी,

अफ्रीकन राष्ट्रपति ने जिनपिंग का स्वागत किया, नाराज मोदी ने विमान से उतरने से मना कर दिया

बता दें, 22 अगस्त को जब PM साउथ अफ्रीका पहुंचे तो उनके स्वागत में दक्षिण अफ्रीका के उप-राष्ट्रपति पॉल मशाटाइल एयरपोर्ट पर पहुंचे थे. इसको लेकर मीडिया आउटलेट ने छापा कि PM मोदी की नाराजगी के चलते एन वक्त पर उप-राष्ट्रपति  जिनपिंग के लिए आयोजित एक कार्यक्रम छोड़कर PM मोदी को लेने पहुंचे.

अब इस पूरे विवाद पर वहां के उप-राष्ट्रपति के प्रवक्ता वुकानी का बयान सामने आया है. उसके मुताबिक,

डेली मैवरिक ने जो रिपोर्ट किया वो पूरी तरह से झूठ है. आखिर वो ऐसी मनगढ़ंत बातों का प्रचार-प्रसार क्यों करेंगे? उप-राष्ट्रपति ने प्लान के हिसाब से पीएम मोदी का स्वागत किया. उन्हें पहले से ही पता था कि भारतीय प्रधानमंत्री आ रहे हैं और वो उनका स्वागत करेंगे. वो PM मोदी के लैंड करने से काफी पहले से वहां पहुंच गए थे. उन्हें अचानक नहीं भेजा गया. उन्हें किसी को खुश करने की जरूरत नहीं थी. डेली मैवरिक जानबूझकर गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं. इसकी कड़े शब्दों में निंदा की जाती है.

जान लें कि डेली मैवरिक साउथ अफ्रीका का जाना माना मीडिया आउटलेट है. ये दावा करता है कि हर महीने इसे करीब एक करोड़ पाठक पढ़ते हैं. ट्विटर पर इसे लगभग 6 लाख लोग फॉलो करते हैं. 

अब तक भारतीय विदेश मंत्रालय ने डेली मैवरिक के इस आर्टिकल पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है. ये भी जान लें कि 22 अगस्त की रात को चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग भी साउथ अफ्रीका पहुंचे थे. उनके स्वागत में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा पहुंचे थे. 

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ब्रिक्स, पांच उभरते हुए देशों का समूह है. इसमें भारत के अलावा ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं. ब्रिक्स बनाने के पीछे उद्देश्य था कि ये पांच देश आपस में सहयोग बढ़ा सकें.  

वीडियो: दुनियादारी: BRICS में क्या होगा, जहां रूस, चीन, भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रिका साथ बैठ बात कर रहे?