दक्षिण अफ्रीका (South Africa gold mine) में सोने की एक बंद पड़े खदान में अवैध खनन कर रहे 100 लोगों भूख और प्यास के चलते मौत होने की आशंका है. जबकि 500 से ज्यादा मजदूर अभी इस खदान में फंसे हुए हैं. माइनर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले एक ग्रुप ने बताया कि ये लोग महीनों से यहां फंसे हुए हैं. और पुलिस इनको बाहर निकालने का प्रयास कर रही है.
सोने की खान में महीनों से फंसे 500 से ज्यादा लोग, भूख और प्यास से 100 से ज्यादा के मौत की आशंका
South Africa में एक बंद पड़े सोने की खदान में 500 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं. जबकि भूख और प्यास के चलते 100 से ज्यादा लोगों के मौत की आशंका जताई जा रही है.

माइनिंग अफेक्टेड कम्युनिटीज यूनाइटेड इन एक्शन ग्रुप (MACUA) के प्रवक्ता सबेलो मंगुनी ने AP को बताया कि 10 जनवरी को खदान में फंसे कुछ लोगों का रेस्क्यू किया गया था. उनमें से एक के सेलफोन में दो वीडियो थे. जिनमें प्लास्टिक में लिपटे दर्जनों शव जमीन के नीचे दिखाई दे रहे थे. मंगुनी के मुताबिक,
उत्तर पश्चिम प्रांत की खदान में कम से कम 100 लोगों की मौत हो गई है. यहां पुलिस ने पहली बार नवंबर में माइनर्स को बाहर निकालने का अभियान चलाया था. भूख और प्यास के चलते उनकी मौत होने की आशंका है. 10 जनवरी से अब तक इस खदान से 18 शव निकाले जा चुके हैं.
सबेलो मंगुनी ने आगे बताया कि 10 जनवरी को चलाए गए अभियान में नौ शव बरामद हुए. जबकि 12 जनवरी को 9 और शव की बरामदगी हुई. इस दौरान 26 लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया. वहीं पुलिस प्रवक्ता ब्रिगेडियर सेबाटा मोकग्वाबोने ने बताया,
वे अभी भी इस बात को वेरिफाई कर रहे हैं कि अब तक कितने शव बरामद हुए हैं और 12 जनवरी को नया रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू करने के बाद कितने लोगों को जिंदा बाहर निकाला गया है. पुलिस अधिकारियों को उम्मीद है कि अब सभी माइनर्स को बाहर निकाल लिया जाएगा.
सोने की खानों से भरपूर दक्षिण अफ्रीका के कुछ हिस्सों में अवैध खनन आम बात है. कंपनियां उन खदानों को बंद कर देती है. जो उनके लिए लाभदायक नहीं रह जाते हैं. इसके बाद माइनर्स के कई समूह अवैध रूप से उन खदानों में घुस कर बचे हुए भंडार की खोज करते हैं.
जोहान्सबर्ग के दक्षिण-पश्चिम में स्टिलफोंटेन शहर के पास की खदान में पुलिस और माइनर्सों के बीच पिछले दो महीने से गतिरोध बना हुआ है. जब पुलिस ने माइनर्सों को बाहर निकालने और खदान को सील करने का प्रयास किया था. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी के डर से माइनर्स ‘बफेल्सफोंटेन गोल्ड माइन’ से बाहर आने से इनकार कर रहे थे. लेकिन सबेलो मंगुनी ने बताया,
पुलिस ने उन रस्सियों को हटा दिया था. जिसका उपयोग माइनर्स खदान में उतरने और बाहर निकलने के लिए करते थे. और उनको जबरन बाहर निकालने के प्रयास में उनके भोजन की आपूर्ति भी बंद कर दी.
सबेलो मंगुनी के संगठन MACUA समेत दूसरे कई संगठनों ने पुलिस के इस कार्रवाई की कड़ी आलोचना की थी. MACUA इसको लेकर कोर्ट गई. जिसके बाद दिसंबर में कोर्ट ने पुलिस और प्रांतीय अधिकारियों को खदान में फंसे लोगों के लिए भोजन, पानी और दवा भेजने की अनुमति देने का आदेश दिया.
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