मांसाहार कई लोगों की जिंदगी का हिस्सा है. शाकाहार समर्थकों और पशु अधिकार कार्यकर्ताओं को इससे सख्त आपत्ति रहती है. वे मांसाहार को छोड़ने के लिए लोगों से नए-नए तरीकों से अपील करते रहते हैं. ऐसे लोग कुत्तों को लेकर एक युवक की मांग से बेहद नाराज हैं. इस युवक ने एक पोस्टर के जरिये कुत्तों का मांस बेचने को वैध करने की मांग कर डाली है. सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर वायरल है. इसमें बेंगलुरु के रहने वाले इस युवक के हाथ में दिख रहे पोस्ट पर लिखा है- Legalise Dog Meat. Sign my Petition.
'कुत्ते का मांस वैध करें', बेंगलुरु का ये लड़का ऐसी मांग क्यों कर रहा? बवाल हो गया है
फ़ोटो पर लिखा है, "Legalise Dog Meat. Sign my Petition."
इस फ़ोटो ने सबका ध्यान खींचा है. पेट लवर्स में तो खलबली मच गई है. आखिर एक इंसान कुत्ते के मांस को वैध करने की बात क्यों कर रहा है. दुनिया के कुछ हिस्सों में कुत्ते का मांस बेचा और खाया जाता है, लेकिन भारत के अधिकतर लोग डॉग मीट का सेवन नहीं करते हैं. जाहिर है ज्यादातर नॉन-वेजिटेरियन लोगों के लिए भी ये अपील गले नहीं उतर रही.
वायरल फ़ोटो को @Bruisedwayneee ने 20 अगस्त को X पर शेयर किया. फ़ोटो में एक आदमी खड़ा है. इसके हाथ में एक पेपर है, जिसपर लिखा हुआ है,
"कुत्ते के मांस को वैध करें. मेरी याचिका पर सिग्नेचर करें."
कई लोगों ने इस फ़ोटो पर कॉमेंट्स किए. खासकर पेट लवर्स ने. कॉमेंट्स में लोगों ने बताया कि यह जगह बेंगलुरु की चर्च स्ट्रीट है. एक यूजर ने लिखा,
“कल मैंने इसे चर्च स्ट्रीट में देखा और मैं उसके चेहरे पर मुक्का मारने के बहुत करीब थी.”
दूसरे यूजर ने लिखा,
“सुना है इस व्यक्ति को अभी तक एक भी सिग्नेचर नहीं मिला.”
अभिषेक नाम के यूजर ने जानवरों की तुलना की बात कहते हुए लिखा,
“सभी जानवर समान हैं, लेकिन कुछ जानवर दूसरों की तुलना में अधिक समान हैं.”
शौर्य नाम के यूजर ने लिखा,
“अब यह एक बेवकूफी भरा मजाक होगा, प्लीज़ मुझे बताएं कि यह एक मजाक है!!”
अलख निरंजन नाम के यूजर ने लिखा,
"इस मांग में गलत क्या है? अगर चिकन और मटन ठीक है तो ये होना चाहिए."
ये साफ नहीं है कि युवक ने इस तरह की मांग सार्वजनिक रूप से क्यों की. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कॉमेंट करने वाले एक शख्स ने दावा किया कि वो इस लड़के को जानता है. इस शख्स के मुताबिक ये लड़का राहगीरों को वीगन फूड से जुड़ा एक ‘फैक्ट’ बताना चाहता था. वो ये कि जब एक कुत्ते का उत्पीड़न होता है तो हम उत्तेजित हो जाते हैं, लेकिन वीगन फूड के उत्पादन के लिए कृषि पशुओं की हत्या से हम फर्क नहीं पड़ता.
आपका इस अपील के बारे में क्या विचार है, हमें कॉमेंट बॉक्स में बताइए.
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