पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े हत्या (Sidhu Moose Wala Murder) के बाद राज्य की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार पर सवाल उठने लगे हैं. विपक्ष इस घटना के लिए राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को जिम्मेदार बता रहा है. उसकी तरफ से मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे के साथ पंजाब सरकार को बर्खास्त करने की मांग की जा रही है. हालांकि मूसेवाला की हत्या पर सीएम भगवंत मान ने कहा है कि राज्य सरकार दोषियों को पकड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. उन्होंने ये भी कहा है कि पंजाब सरकार हाई कोर्ट से अपील करेगी कि कोई सिटिंग जज मामले की जांच करे.
AAP सरकार बनने के बाद हुई इन हत्याओं ने पंजाब की कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ट्विटर पर लिखा था कि AAP सरकार के 2 महीनों में 27 हत्याएं हुई हैं.
सिद्धू मूसेवाला की बुधवार, 29 मई को मानसा जिले के जवाहरके गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. ये हत्याकांड तब हुआ है जब पंजाब सरकार ने दो दिन पहले ही 28 मई को मूसेवाला समेत 424 वीआईपी लोगों की सुरक्षा वापस ले ली थी. हत्या के बाद भगवंत मान ने आश्वासन दिया कि पंजाब सरकार एनआईए जैसी केंद्रीय जांच एजेंसी समेत जांच आयोग की भी पूरी मदद करेगी.
पंजाब की AAP सरकार इस हत्याकांड के बाद जरूर एक्टिव हुई हो, लेकिन राज्य में सरकार के गठन के ढाई महीने के भीतर कई हत्याओं ने कानून-व्यवस्था के मोर्च पर कई सवाल खड़े किए हैं. बीती 16 मई को शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने एक ट्वीट किया. उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा,
कांग्रेस कार्यकर्ता की पिटाई के बाद मौत"आम आदमी पार्टी सरकार को 2 महीने हुए... 27 मर्डर, 24 किसानों की आत्महत्या, ड्रग ओवरडोज के कारण 61 की मौत. इसके अलावा कई और जो रिपोर्ट नहीं हुई हैं. भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल, क्या आपने पंजाब के लोगों से इसी 'बदलाव' का वादा किया था."
पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों के दो दिन बाद ही फिरोजपुर में एक दलित कांग्रेस कार्यकर्ता की पिटाई हुई थी. इसका आरोप आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लगा था. हमले के करीब दो हफ्ते बाद 29 मार्च को कार्यकर्ता इकबाल सिंह की अस्पताल में मौत हो गई थी. इकबाल सिंह की मौत के बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू उनके परिवार से मिले थे और भगवंत मान सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने इस हत्या के लिए सीधे-सीधे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया था.
इकबाल सिंह के परिवार से मिलने के बाद सिद्धू ने ट्विटर पर लिखा था,
गुरदासपुर में सरपंच की हत्या"जीरा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ता की बुरी तरह पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. कासोवना गांव में उसके घर गया. प्रशासन के सामने मामले को ले गया. दोषियों को गिरफ्तार करना चाहिए. पीड़ित के परिवार को एक सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए."
गुरदासपुर के फुलरा गांव में 4 अप्रैल को खुलेआम गोलीबारी हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जमीन विवाद के कारण ये गोलीबारी दो गुटों में हुई थी. जिसमें सरपंच के पति सुखराज सिंह समेत चार लोगों की मौत हो गई थी. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने आरोप लगाया था कि 50 ज्यादा लोगों के एक समूह ने मृतकों पर हमला किया था और उन्हें पुलिस का संरक्षण मिला हुआ था. उन्होंने कहा था कि पुलिस इस जघन्य घटना के वक्त मूकदर्शक बनी रही.
पटियाला में कबड्डी खिलाड़ी की हत्या6 अप्रैल को पटियाला में एक यूनिवर्सिटी के बाहर कबड्डी खिलाड़ी धरमिंदर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने बताया था कि धरमिंदर को आपसी दुश्मनी के कारण गोली मारी गई थी. इस हत्या के बाद भी विपक्षी दल कांग्रेस ने आरोप लगाया कि AAP सरकार कानून-व्यवस्था को संभालने में सक्षम नहीं है.
अमृतसर में 12वीं के छात्र की हत्याअमृतसर के नांगली गांव में 25 अप्रैल की रात 12वीं के एक छात्र की गोली मारकर हत्या की गई थी. पुलिस ने बताया था कि 17 साल के विजय सिंह को उसके दो दोस्तों ने ही गोली मारी थी. इस घटना के बाद भी विपक्ष ने AAP सरकार पर निशाना साधा था. पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा था कि भगवंत मान दूसरे राज्यों में घूमने की बजाय पंजाब की कानून-व्यवस्था पर ध्यान दें जो नियंत्रण से बाहर होती जा रही है.
वीडियो: सिद्धू मूसेवाला के पिता ने भगवंत मान को लेटर लिख सरकार से क्या मांग की?