20 साल की शिवरंजनी तिवारी. पेशे से भजन गायिका हैं. आजकल अपनी पदयात्रा को लेकर चर्चा में हैं. वे गंगोत्री से मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम तक सिर पर कलश रखकर पदयात्रा कर रही हैं. वे धीरेंद्र शास्त्री को प्राणनाथ कहती हैं. उनके पिता बैजनाथ तिवारी ने हमें बताया है कि धीरेंद्र शास्त्री उनकी रिश्तेदारी में आते हैं. और वो 16 जून को उनसे अपनी बेटी की शादी का प्रस्ताव लेकर बागेश्वर धाम जा रहे हैं.
धीरेंद्र शास्त्री को 'प्राणनाथ' कहने वाली शिवरंजनी 16 जून को क्या करने वाली हैं?
पिता ने कहा धीरेंद्र शास्त्री की मां से बात करेंगे.
अभी तक शिवरंजनी ने स्पष्ट तौर पर नहीं बताया है कि सिर पर कलश लेकर बागेश्वर धाम तक पैदल यात्रा करके पहुंचने के बाद वे वहां क्या करने वाली हैं. आज तक से जुड़े योगितारा दूसरे की खबर के मुताबिक, शिवरंजनी ने कहा,
“गंगा कलश यात्रा गंगोत्री धाम से शुरू की है. जबसे ये कलश रखा है, तबसे तरह-तरह की बातें हो रही हैं. हर कोई कहता है कि मैंने ये यात्रा शुरू की है क्योंकि मनचाहा वर पाना चाहती हूं. कई लोग कह रहे हैं कि फूलों की माला लेकर जा रही हूं जिसे धीरेन्द्र शास्त्री के गले में डालने वाली हूं. लोगों को बताना चाहूंगी कि महाराज अंतर्यामी हैं. प्राणनाथ हैं. भगवान हैं. वो मेरे मन की बात जान लेते हैं. मैं सभी से कहना चाहती हूं कि 16 जून का इंतजार कीजिए.”
इस बारे में हमने बैजनाथ तिवारी से पूछा तो उनका कहना था कि बागेश्वर धाम पहुंच कर शिवरंजनी और धीरेंद्र शास्त्री के विवाह की बात होगी.
वो बोले,
“धीरेंद्र शास्त्री की मध्यप्रदेश के कटनी इलाके में बहुत रिश्तेदारी है. उनके चचेरे भाइयों की बुआ हमारे रिश्ते में आती हैं. इसलिए कह सकते हैं कि धीरेंद्र भी हमारे रिश्तेदार हैं. धीरेंद्र की बड़ी बहन के ससुर गोविंद तिवारी जी, शिवरंजनी को बहुत पसंद करते हैं. वे चाहते हैं कि शिवरंजनी और धीरेंद्र की शादी हो जानी चाहिए. बेटी, धीरेंद्र को बहुत मानती है.”
इस सवाल पर शिवरंजनी आज तक से बात करते हुए कहती हैं,
"16 जून को महाराज जी मेरे साथ लाइव होंगे. वो खुद ही बता देंगे कि मेरे मन में क्या है. वो खुद ही बता देंगे कि मैंने ये यात्रा क्यों निकाली. मैं ये क्यों बताऊं कि मेरे मन में क्या है. कुछ बातें राज़ ही रहें तो अच्छी लगती हैं. मैं मन के भाव अभी प्रकट नहीं कर सकती."
वहीं बैजनाथ तिवारी ने हमें बागेश्वर धाम पहुंचने के बाद के कार्यक्रम की रूप-रेखा बताई.
वो कहते हैं,
“गंगोत्री से बागेश्वर धाम 1 हजार 280 किलोमीटर दूर है. हम 1 मई को चले थे. और 15 जून के आस-पास पहुंचेंगे. 16 को भी पहुंच सकते हैं. मीडिया के लोग कोई एक तारीख बताने को कह रहे थे. इसलिए हमने 16 जून, 2023 की तारीख दी है. वहां पहुंचकर पूजा-अर्चना की जाएगी. बागेश्वर धाम में बागेश्वर महादेव का भी मंदिर है. उन्हें गंगाजल चढ़ाएंगे, फिर बागेश्वर धाम पर गंगाजल चढ़ाएंगे. उसके बाद धीरेंद्र शास्त्री जी के माता-पिता से बात करेंगे. गोविंद तिवारी जी भी वही रहेंगे. हम विवाह से संबंधित बात करेंगे.”
बैजनाथ तिवारी कहते हैं कि विवाह से जुड़ी बात लाइव नहीं होगी. लेकिन धीरेंद्र शास्त्री उपलब्ध होंगे तो शिवरंजनी उनसे बात करेंगी.
कौन हैं शिवरंजनी तिवारी?शिवरंजनी के पिता बैजनाथ तिवारी ने हमें बताया कि वे मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में बड़ी चंदौरी गांव के मूल निवासी हैं. और दिवंगत संत स्वरूपानंद सरस्वती के परिवार से आते हैं. और हरिद्वार में हीरो-होंडा प्लांट में बतौर सिविल इंजीनियर काम करते रहे हैं. वे 25 सालों से वहीं रह रहे हैं.
बैजनाथ तिवारी के मुताबिक, शिवरंजनी तिवारी 4 साल की उम्र से भागवत कथा कहती हैं. साल 2020 में शिवरंजनी ने विवेकानंद पब्लिक स्कूल, खैरागढ़ से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास की. उन्होंने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से हिंदुस्तानी गायन में 8 साल का डिप्लोमा लिया है. इस डिप्लोमा को 'अलंकार कोविद' कहते हैं. दूसरे विश्वविद्यालयों में इसन डिप्लोमा को 'विशारद' कहते हैं. जो आमतौर पर 6 साल का होता है. बैजनाथ के मुताबिक, शिवरंजनी ने इस डिप्लोमा में विश्वविद्यालय में टॉप किया है. उसके बाद शिवरंजनी ने भजन गायक अनूप जलोटा से भी भजन गायन सीखा है. शिवरंजनी, अनूप जलोटा के साथ कई कार्यक्रमों में भी शामिल होती रही हैं.
मीडिया में ये भी जानकारी आई थी कि शिवरंजनी MBBS की स्टूडेंट हैं. हमने बैजनाथ से उस कॉलेज के बारे में पूछा जहां से शिवरंजनी MBBS कर रही हैं. इस पर बैजनाथ ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए स्पष्ट जानकारी देने से मना कर दिया, हालांकि ये कहा कि शिवरंजनी ने 2021 में NEET की परीक्षा पास की है.
नोटः इस प्रकरण के संबंध में जब धीरेंद्र शास्त्री अपना पक्ष रखेंगे, तो उसे भी इस स्टोरी में जोड़ दिया जाएगा.