ग्रेटर नोएडा की शिव नादर यूनिवर्सिटी (Shiv Nadar Shooting) में 20 साल की छात्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या के बाद आरोपी अनुज ने आत्महत्या कर ली थी. अब पता चला है कि दो महीने पहले स्नेहा (Sneha Chaurasia) ने यूनिवर्सिटी से अनुज की शिकायत की थी. स्नेहा ने ई-मेल लिखकर बताया था कि अनुज उसके साथ बुरी तरह मारपीट करता है. स्नेहा ने ये भी बताया था कि अनुज ने उसका गला दबाने की कोशिश की थी. स्नेहा इन सब से बाहर निकलना चाहती थी. पुलिस ने बताया था कि यूनिवर्सिटी ने दोनों को काउंसिलिंग के लिए बुलाया था.
शिव नादर यूनिवर्सिटी वाले अगर दो महीने पहले ऐसा कर लेते तो बच जाती स्नेहा!
दो महीने पहले स्नेहा ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को मेल लिखा था. दो महीने बाद अनुज ने उसकी हत्या कर दी.

इंडियन एक्सप्रेस से जुड़ीं ऐश्वर्या राज की रिपोर्ट मुताबिक, स्नेहा ने 14 मार्च को यूनिवर्सिटी प्रशासन के वरिष्ठ सदस्यों को अनुज के बारे में ई-मेल किया था. बताया था कि अनुज ने उसे जान से मारने की धमकी दी है. ई-मेल के जरिए स्नेहा ने प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की थी, ताकि वो कैंपस में सुरक्षित महसूस कर सके.
ई-मेल में क्या-क्या लिखा था?रिपोर्ट के मुताबिक, ईमेल में स्नेहा ने आरोप लगाया था कि अनुज ने दो महीने में चौथी बार उसके साथ मारपीट की. स्नेहा ने ये भी बताया था कि दो साल के साथ के बाद वो और अनुज अलग हो गए थे. इसके बाद अनुज ने कथित तौर पर स्नेहा का गला दबाने की कोशिश की थी.
स्नेहा ने लिखा था कि उसके साथ जो कुछ भी हो रहा है, उससे उसकी मेंटल हेल्थ पर असर पड़ रहा है, जिसके चलते उसे पैनिक अटैक आते हैं. लिखा था कि वो बस इस सबसे बाहर निकलना चाहती है. स्नेहा ने लिखा था कि वो अनुज के खिलाफ आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं करना चाहती थी. वो अपने माता-पिता को शामिल किए बिना इससे बाहर निकलना चाहती थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, स्नेहा के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ FIR दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है. शिकायत में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी ने समय पर गंभीर और प्रभावी कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते उनकी बेटी की मौत हो गई.
यूनिवर्सिटी ने क्या बताया?वहीं, शिव नादर यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर कहा है कि संस्थान के बारे में गलत जानकारी फैलाकर बदनाम करने की कोशिश हो रही है. यूनिवर्सिटी का कहना है कि उसने स्नेहा के ईमेल को काफी गंभीरता से लिया था और तुरंत कार्रवाई की थी. यूनिवर्सिटी ने दावा किया है कि उसने स्नेहा को कई बार शिकायत दर्ज कराने को कहा था ताकि आरोपी के खिलाफ और कठोर कार्रवाई हो पाए. लेकिन उसने शिकायत दर्ज नहीं करवाई और कहा था कि उसके परिवारवाले स्थिति को नहीं समझ पाएंगे. यूनिवर्सिटी ने अपनी तरफ से स्थिति को संभालने के लिए हरसंभव कार्रवाई की थी. इसलिए छवि खराब करने की हर कोशिश को यूनिवर्सिटी खारिज करती है.
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