अमेरिका के टैरिफ वॉर (Tariff War) का असर दुनिया भर के शेयर बाज़ारों (Share Market) पर दिखाई देने लगा है. शुक्रवार को अमेरिका के वॉल स्ट्रीट के धड़ाम होने के बाद अब बारी एशियाई बाज़ारों की है. सोमवार को जापान से लेकर दक्षिण कोरिया तक शेयर बाज़ारों का हाल काफी खराब रहा. शुरुआती कारोबार में यहां ऐसी गिरावट देखने को मिली कि लोगों को 2008 की मंदी याद आने लगी.
अमेरिका-चीन में 'टैरिफ वॉर' से शेयर बाजार में हाहाकार, भारत पर भी असर
अमेरिकी टैरिफ वॉर का असर शेयर बाज़ार पर दिखने लगा है. शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट के धड़ाम होने के बाद, सोमवार को एशिया के बाज़ारों की बारी थी. जापान, दक्षिण कोरिया और हांगकांग के बाज़ारों में सोमवार को हालात काफी खराब रही.

शेयर बाज़ारों की यह हालत अमेरिका के टैरिफ पर चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद देखने को मिली है. बता दें कि अमेरिका द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद, चीन ने 34 प्रतिशत का अतिरिक्त जवाबी टैरिफ (Reciprocal Tariff) लागू कर दिया है.
'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को टोक्यो के निक्केई 225 इंडेक्स में बाज़ार खुलने के तुरंत बाद लगभग 8% की गिरावट दर्ज की गई. एक घंटे बाद यह 7.1% की गिरावट के साथ 31,375.71 पर आ गया. दक्षिण कोरिया का कोस्पी 5.5% की गिरावट के साथ 2,328.52 पर आ गया, जबकि ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स-200 6.3% की गिरावट के साथ 7,184.70 पर बंद हुआ.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, हांगकांग और चीन के शेयर बाज़ार का हाल भी सोमवार को काफी खराब रहा. हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स (HSI) में सोमवार सुबह के शुरुआती कारोबार में 10% की गिरावट दर्ज की गई. कहा गया कि अगर यह गिरावट जारी रही, तो 2008 की मंदी भी पीछे छूट जाएगी.
टेक स्टॉक्स अलीबाबा और टेनसेंट में 11 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई, जबकि CSI-300 इंडेक्स में 4 प्रतिशत की गिरावट देखी गई.
चिंता की बात यह है कि अमेरिकी फ्यूचर्स संकेत दे रहे हैं कि शेयर बाज़ार में यह गिरावट आगे भी जारी रह सकती है. ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, एसएंडपी 500 के फ्यूचर में 4.2% की गिरावट आई है, जबकि डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 3.5% की गिरावट और नैस्डैक के फ्यूचर में 5.3% की गिरावट दर्ज की गई है.
अमेरिकी टैरिफ वॉर का असर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की क़ीमतों पर भी पड़ा है. अमेरिकी बेंचमार्क कच्चे तेल की क़ीमत 4% या 2.50 डॉलर घटकर 59.49 डॉलर प्रति बैरल रह गई. अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड की क़ीमत 2.25 डॉलर घटकर 63.33 डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई. ग्लोबल मार्केट में इस गिरावट का असर भारत के शेयर बाज़ार पर भी पड़ा है. यहां सेंसेक्स 3 हजार और निफ्टी 1 हजार की गिरावट के साथ सोमवार को खुला.
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