The Lallantop

शेयर बाजार क्रैश, इन 5 वजहों से आई भयंकर गिरावट, ट्रेडिंग करने से पहले सब अच्छे से समझ लीजिए

Share Market Crash: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1100 की बड़ी गिरावट लेकर 77,984 तक पहुंच गया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 400 अंक फिसलकर 23,611 के लेवल के साथ 1.4 फीसदी गिरावट दर्ज की गई.

post-main-image
शेयर मार्केट सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई (फोटो: आजतक)

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को बड़ी गिरावट दर्ज की गई (Share Market Crash). खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 1100 अंक से ज्यादा तो वहीं निफ्टी 400 अंक तक फिसल गया. दरअसल, कारोबारी सप्ताह के पहले दिन सोमवार की सुबह कारोबर ग्रीन जोन में शुरू हुआ. इस दौरान कुछ देर तक दोनों इंडेक्स में बढ़ोत्तरी भी नजर आई. BSE Sensex 296 अंक, जबकि NSE Nifty 85 अंक की बढ़त लेकर कारोबार करता दिखा. लेकिन फिर अचानक गेम पलट गया और शेयर मार्केट में गिरावट दर्ज की गई.

कितनी रही गिरावट?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1100 की बड़ी गिरावट लेकर 77,984 तक पहुंच गया. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 400 अंक फिसलकर 23,611 के लेवल पर पहुंच गया.

इतना ही नहीं, शेयर बाजार में अचानक आई गिरावट की गाज अडानी ग्रुप से लेकर टाटा ग्रुप तक गिरी. इस गिरावट के बीच सबसे ज्यादा टाटा स्टील का शेयर (Tata Steel Share) टूटा. खबर लिखे जाने तक ये 3.62% फिसलकर 133.30 रुपये पर कारोबार कर रहा था. वहीं कोटक महिंद्रा बैंक, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील और एशियन पैंट्स के शेयर टूटे. जबकि बजाज फाइनेंस, बजाज ऑटो, इंफोसिस और टाइटन कंपनी के शेयर में बढ़ोतरी दर्ज की गई.

ये भी पढ़ें: Stock Market Crash: स्टॉक मार्केट क्रैश हो गया, 2 लाख करोड़ रुपये डूब गए, वजह भी पता चल गई

Zomato, SBI से लेकर HDFC तक…

BSE की लार्जकैप 30 कंपनियों में शामिल 24 कंपनियां लाल निशान पर कारोबार कर रही थी. गिरने वाले अन्य बड़े शेयरों में  M&M, NTPC, Reliance, SBI, ITC, Bharti Airtel, Nestle India, Zomato, HDFC Bank, Tata Motors और TCS तक शामिल रहीं.  

‘शेयर मार्केट क्रैश’ होने के क्या हैं कारण?

एक्सपर्ट्स ने शेयर मार्केट के गिरावट के कई कारण बताएं है- 

- कमजोर होता एशियन मार्केट

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप कई बार दूसरों देशों पर टैरिफ बढ़ाने की कसमें खा चुके हैं. इन देशों में चीन समेत एशिया के कई देश शामिल है. भविष्य की इन संभावनाओं को देखते हुए इसका असर एशियन मार्केट पर भी पड़ा है. छुट्टियों के मौसम की मंदी के दौर से बाहर आने के बाद एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई. टोक्यो का बेंचमार्क निक्केई 225 इंडेक्स 1.5% गिरकर 39,309.13 पर आ गया. वहीं, हांगकांग में हैंग सेंग 0.3% गिरकर 19,706.66 पर आ गया. इसके अलावा शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 0.2% गिरकर 3,206.75 पर आ गया.

- ‘HMPV’ वायरस का खतरा

चीन से शुरू हुआ ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (HMPV) के तीन मामले भारत में डिटेक्ट किए जा चुके हैं. भारत के साथ-साथ एशिया के कई देशों को इस बात का डर है कि कोरोना वायरस की तरह दोबारा लॉकडाउन की स्थिति हो सकती है. ऐसे में इस HMPV वायरस का असर मार्केट पर भी पड़ रहा है.

- बड़ी और दिग्गज कंपनियों में गिरावट

अडानी ग्रुप से लेकर टाटा स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, HDFC बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, ITC, टाटा मोटर्स जैसे इंडेक्स हैवीवेट शेयरों में भारी गिरावट ने भी शेयर मार्केट को नीचे खींच लिया. 

- डॉलर इंडेक्स का बढ़ता स्तर

एशियन करेंसी का इंडेक्स, डॉलर के मुकाबले लगभग दो दशकों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. साथ ही इक्विटी में उतार-चढ़ाव आया है. जिसका असर एशियन शेयर मार्केट्स के साथ-साथ इंडियन मार्केट पर भी पड़ा है. बता दें सोमवार, 6 जनवरी को डॉलर इंडेक्स 108.74 के आसपास कारोबार कर रहा था. अमेरिकी डॉलर 157.22 जापानी येन से बढ़कर 157.77 जापानी येन हो गया. वहीं यूरो की कीमत $1.0306 से बढ़कर $1.0316 हो गई है. 

इसके अलावा NSE के प्रोविजिनल आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी इनवेस्टर्स ने शुक्रवार को 4,227 करोड़ रुपये की इक्विटी (equitie) यानी स्टॉक बेचे. जबकि घरेलू इनवेस्टर्स ने 820.60 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे.

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार ने बताया कि विदेशी संस्थागत निवेशकों के पैसा निकालने की वजह से बाजार पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है. डॉलर इंडेक्स 109 पर पहुंच गया है और अमेरिकी बॉन्ड्स अपने 10 साल के सबसे उच्च स्तर पर है. विदेशी संस्थागत निवेशक भारतीय बाजार से तब तक अपना निवेश निकालते रहेंगे, जब तक डॉलर स्थिर नहीं हो जाता.

वीडियो: खर्चा पानी: शेयर मार्केट में भारी गिरावट की वजह क्या है?