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शरद पवार गुट को मिला नया चुनाव चिह्न! 'तुतारी' क्या होता है, कैसे मिलते है सिंबल?

मराठी में तुरहा बजाने वाले शख्स को तुतारी कहा जाता है. इस सिंबल में एक व्यक्ति तुरहा बजाता दिख रहा है.

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शरद पवार को मिला चुनाव चिह्न (फाइल फोटो- आजतक)

शरद पवार (Sharad Pawar) वाले NCP गुट को लोकसभा चुनाव से पहले नया चुनाव चिह्न (Election Symbol) मिल गया है. इलेक्शन कमीशन ने 22 फरवरी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरदचंद्र पवार को इलेक्शन सिंबल के तौर पर तुतारी अलॉट किया है. मराठी में तुरहा बजाने वाले शख्स को तुतारी कहा जाता है. इस सिंबल में एक व्यक्ति तुरहा बजाता दिख रहा है. पार्टी का कहना है कि ये चिह्न मिलना उनके लिए गर्व की बात है. 

नया चुनाव चिह्न मिलने पर पार्टी ने एक पोस्ट में लिखा,

महाराष्ट्र के इतिहास में दिल्ली की गद्दी के कान खड़े करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य आज 'राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरद चंद्र पवार' के लिए गौरव का विषय है. महाराष्ट्र के आदर्श, फुले, शाहू, अम्बेडकर, छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रगतिशील विचारों के साथ 'तुतारी' शरद चंद्र पवार साहब के साथ दिल्ली के सिंहासन को हिलाने के लिए एक बार फिर से बिगुल बजाने के लिए तैयार है.

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निर्वाचन आयोग को चुनाव चिन्ह देने का अधिकार

चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) को राजनीतिक दलों को मान्यता देने और चुनाव चिन्ह देने का अधिकार देता है. हर राष्ट्रीय दल को पूरे देश और राज्य स्तर की पार्टी को पूरे राज्य में इस्तेमाल के लिए एक प्रतीक चिन्ह दिया जाता है, जो उस पार्टी का इलेक्शन सिंबल या चुनाव चिन्ह बनता है.

चुनाव चिन्ह दो तरह के होते हैं- आरक्षित यानी रिजर्व चुनाव चिन्ह और फ्री यानी मुक्त चुनाव चिन्ह.

आरक्षित चुनाव चिन्ह वह प्रतीक होते हैं, जो किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल या राज्य स्तर की पार्टी (State Party) के लिए आरक्षित होते हैं. देशभर में उन चुनाव चिन्हों पर संबंधित पार्टी का एकाधिकार रहता है.

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आरक्षित प्रतीक से अलग निर्वाचन आयोग ने फ्री चिन्हों की लिस्ट बना रखी है. ये किसी भी पार्टी को अलॉट नहीं किए गए होते हैं. किसी भी नए दल या फिर निर्दलीय उम्मीदवार को इन सिंबल में से चुनाव चिन्ह दिया जा सकता है. निर्वाचन आयोग की फ्री सिंबल वाली लिस्ट में सितंबर, 2021 तक 197 मुक्त (फ्री) चुनाव चिह्न हैं.

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हालांकि, कोई दल अगर अपना चुनाव चिन्ह खुद निर्वाचन आयोग को देता है और अगर वो चिन्ह किसी और पार्टी का चुनाव चिन्ह नहीं है तो वो सिंबल भी उस पार्टी को अलॉट किया जा सकता है.

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