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पान मसाला ऐड के लिए शाहरुख, अक्षय और अजय देवगन को लगाने पड़ेंगे कोर्ट-कचहरी के चक्कर?

अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन, सैफ अली खान समेत कई एक्टर्स और पान-गुटखा कंपनियों के नाम शामिल हैं.

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केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण CCPA ने दिया नोटिस (फोटो- इंडिया टुडे)

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण CCPA ने 20 अक्टूबर को तंबाकू कंपनियों के लिए ऐड करने को लेकर तीन बड़े एक्टर्स को शो-कॉज़ नोटिस भेजा था – शाहरुख खान, अक्षय कुमार और अजय देवगन. इस बात की जानकारी 8 दिसंबर को आई. एक अवमानना ​​याचिका का जवाब देते हुए डिप्टी सॉलिसिटर जनरल SB पांडे ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में ये जानकारी दी.

केस क्या है?

ये पूरा मामला वकील मोतीलाल यादव की याचिका से जुड़ा है. मोतीलाल ने हानिकारक प्रोडक्ट्स का विज्ञापन करने वाली मशहूर हस्तियों - खासकर 'पद्म पुरस्कार विजेताओं' - को जवाबदेह ठरहाने की अपील की है. कहा कि ऐसे प्रोडक्ट्स बड़े पैमाने पर जनता के लिए हानिकारक हैं और अगर कोई पुरस्कार विजेता उचित आचरण नहीं करता है, हानिकारक प्रोडक्ट्स को बढ़ावा देता है, तो उसका पुरस्कार रद्द करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाने चाहिए.

याचिका में अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, अक्षय कुमार, अजय देवगन, सैफ अली खान समेत कई एक्टर्स और पान-गुटखा कंपनियों के नाम शामिल हैं. 

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2022 में मोतीलाल यादव ने हाई कोर्ट का रुख किया था. उन्होंने CCPA से हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने की मांग की थी. विज्ञापन से कमाए पैसे भारत सरकार के राहत कोष में जमा किए जाएं - इसके लिए निर्देश देने की भी मांग की थी.

पिछले साल अक्टूबर में हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से मामले पर फैसला लेने को कहा. लेकिन फैसले पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. फिर इस साल अगस्त में कोर्ट ने केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव और CCPA के मुख्य आयुक्त को नोटिस जारी किया. उसी नोटिस के जवाब में डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने ये जानकारी दी, कि इसी साल की 20 अक्टूबर को अभिनेता शाहरुख खान, अक्षय कुमार और अजय देवगन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. 

केंद्र की तरफ़ से पेश हुए डिप्टी सॉलिसिटर जनरल SB पांडे ने जस्टिस राजेश सिंह चौहान की बेंच को ये भी बताया कि अमिताभ बच्चन ने कॉन्ट्रैक्ट रद्द हो जाने के बावजूद उनका विज्ञापन दिखाने वाली तंबाकू कंपनी को कानूनी नोटिस भेजा था.

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केंद्र के वकील ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट भी सुनवाई कर रहा है और ऐसे में तत्काल याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए. कोर्ट ने अगली सुनवाई 9 मई 2024 को तय की है. 

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