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कुबेरेश्वर धाम में लाखों की भीड़, हार्ट अटैक से महिला की मौत, अब रुद्राक्ष नहीं बंटेगा

5 लाख लोगों के आने का अनुमान था. 10 लाख का इंतजाम. पहुंचे 20 लाख. सैकड़ों बीमार, कई लापता और बेहोश. रुद्राक्ष लेना था.

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(बाएं-दाएं) पंडित प्रदीप मिश्रा और उनके रुद्राक्ष महोत्सव में आए श्रद्धालु. (फोटो: आजतक और ट्विटर.)

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में गुरुवार 16 फरवरी, को रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान एक महिला की मौत हो गई. कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने 16 से 22 फरवरी तक यहां रुद्राक्ष महोत्सव का आयोजन करवाया है. जिले के कुबेरेश्वर धाम में ये कार्यक्रम चल रहा है. कार्यक्रम क्या भौकाल कट रहा है. महोत्सव में प्रदीप मिश्रा की कथा सुनने और रुद्राक्ष लेने के लिए लाखों लोगों की भीड़ आ रही है. गुरुवार को भी महोत्सव में अनुमान से दोगुना लोग पहुंच गए. लाखों की भीड़ को संभालना आयोजकों के लिए मुश्किल हो गया. गर्मी और घुटन से कई लोग बेहोश हुए, कई लापता हो गए. इस बीच महाराष्ट्र से आई महिला की मौत हो गई.

इतनी भीड़ कैसे हो गई?

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, सीहोर के कलेक्टर प्रवीण कुमार ने बताया कि आयोजन कराने वाले समिति ने पुराण कथा के नाम पर अनुमति ली थी. समिति का अनुमान था कि महोत्सव में पांच से छह लाख लोग भाग लेंगे. उसने अपनी तरफ से दस लाख लोगों के आने-जाने की व्यवस्था कर दी. कलेक्टर के मुताबिक भीड़ बढ़ती गई और गुरुवार दोपहर 12 बजे तक करीब 20 लाख लोग पहुंच गए. ये उनके और समिति के अनुमान से दोगुना था. आलम ये था कि भीड़ के चलते भोपाल-इंदौर हाईवे पर कई किलोमीटर लंबा भयंकर जाम लग गया.

हार्ट अटैक से महिला की मौत

समिति ने महोत्सव को लेकर सोशल मीडिया पर प्रचार किया था. जिन्हें जानकारी मिली वो कार्यक्रम में पहुंच गए. इतनी ज्यादा भीड़ होने के कारण मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया. रिपोर्ट के मुताबिक महोत्सव में करीब 15 हजार लोग व्यवस्था संभाल रहे थे. इनमें समिति और पुलिस प्रशासन के अपने लोगों के अलावा RSS, बजरंग दल और आसपास के लोग शामिल थे. तमाम इंतजाम के बावजूद आयोजन में काफी उथल-पुथल रही. इसी बीच 50 वर्षीय मंगला बाई की तबीयत बिगड़ी. वो चक्कर खाकर गिर पड़ीं. कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई. उन्हें हार्ट अटैक आया था.

आजतक से जुड़े नावेद जाफरी की रिपोर्ट के मुताबिक मंडी थाना ASI धर्म सिंह वर्मा ने बताया,

"मंगला बाई महाराष्ट्र के नासिक के मालेगांव की रहने वाली थीं. वो रुद्राक्ष लेने और कथा सुनने के लिए आई थीं. हार्ट अटैक के चलते उसकी मृत्यु हो गई. हम जांच कर रहे हैं."

मंगला बाई के अलावा महोत्सव में पहुंच रहे कई लोगों की तबीयत भी बिगड़ रही है. भारी भीड़ के चलते वहां लोगों को काफी गर्मी और घुटन महसूस हो रही है. भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक इसके चलते महोत्सव के अपने प्राथमिक उपचार केंद्र में गुरुवार दोपहर तक 3 हजार से ज्यादा लोग पहुंच गए थे. ज्यादातर को घबराहट और उल्टी की शिकायत थी.

रुद्राक्ष लेने क्यों आ रहे लोग?

महोत्सव के आयोजकों का दावा है कि पानी में रुद्राक्ष डालकर उस पानी को पीने से लोगों की हर समस्या का निवारण हो जाएगा. लोग इस दावे पर यकीन कर भारी संख्या में महोत्सव में पहुंच रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक हालांकि कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने साफ किया कि जो लोग रुद्राक्ष के लालच में आ रहे हैं, वो न आएं. उन्होंने कहा कि लोगों को आना है तो केवल भगवान के लिए आएं. लेकिन लोग जमकर रुद्राक्ष खरीद रहे हैं. बताया गया कि गुरुवार सुबह 10 बजे तक 5 लाख लोगों को रुद्राक्ष बांटे जा चुके थे. लेकिन मंगला बाई की मौत और दिनभर मची उथल-पुथल के बाद में इसका वितरण बंद कर दिया गया.

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