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14 दिन में चार्जशीट, 50 दिन में सजा, ट्रिपल मर्डर केस में हर कोई कर रहा बिहार पुलिस की तारीफ!

भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत दर्ज ये केस, देश का पहला केस है जिसमें सजा सुनाई गई है.

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बिहार के DGP आलोक राज से सम्मान लेते सारण के SP कुमार अभिषेक. (फोटो- @airnews_patna)

बिहार के सारण में पुलिस महकमे ने एक केस सुलझाने के मामले में नजीर पेश कर दी है. ऐसा काम किया कि भारत सरकार से अवार्ड देने की सिफारिश की गई है. सारण पुलिस ने 50 दिन के भीतर ना सिर्फ केस सुलझा लिया, बल्कि आरोपियों को कोर्ट से सजा भी दिला दी. पुलिस की त्वरित कार्रवाई को देखते हुए बिहार के DGP आलोक कुमार ने सारण के पुलिस अधीक्षक (SP) कुमार आशीष समेत 6 पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया है. साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी अवार्ड देने के लिए सिफारिश भेजी गई है.

सारण ट्रिपल मर्डर केस?

16-17 जुलाई, 2024 की रात सारण के रसूलपुर में पिता और दो बेटियों की हत्या हुई थी. तारकेश्वर सिंह अपने परिवार के साथ छत पर सो रहे थे. इसी दौरान सुधांशु कुमार उर्फ रौशन और अंकित कुमार वहां आते हैं, धारदार हथियार से हमला कर देते हैं. इस हमले में तीन लोगों की मौत हुई.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक मां ने अपने बयान में बताया, 

“रौशन मेरी बेटी से रेप करने आया था. बेटी ने हल्ला किया तो सबको मालूम हुआ. जब उसका विरोध किए तो पहले हम चारों लोगों को पीटा. फिर चाकू निकाल कर सामने से वार कर दिया. दूसरा लड़का अंकित देख रहा था कि कोई छत से भागे नहीं. रौशन से मेरी बेटी बात करती थी, मैंने मना किया तो उसने बात करना छोड़ दिया. इसके बाद वो बार-बार कह रहा था, मेरी नहीं हुई तो किसी का नहीं होने देंगे.”

घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और दोनों आरोपियों को पकड़ लिया. पुलिस ने ना सिर्फ आरोपियों को पकड़ने में तेजी दिखाई, बल्कि केस भी जल्द ही सॉल्व कर दिया. 14 दिन के भीतर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई. 13 अगस्त को इस केस का स्पीडी ट्रायल शुरू हुआ. घटना के 48वें दिन 3 सितंबर को कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया. 5 सितंबर को दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा भी सुना दी गई.

यहां गौर करने वाली बात ये है कि भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत दर्ज ये केस, देश का पहला केस है जिसमें सजा सुनाई गई है. केस में त्वरित कार्रवाई और आरोपियों को सजा होने के बाद सारण के SP कुमार आशीष की जमकर तारीफ हो रही है.

IPS कुमार आशीष

2012 बैच के IPS कुमार अभिषेक की पहचान बिहार पुलिस में एक कुशल अफसर के तौर पर होती है. सारण ट्रिपल मर्डर केस से पहले अभिषेक 2020 में किशनगंज में SP थे. अपने इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने जिले में एक गैंगरेप केस में इन्वेस्टिगेशन कर ट्रायल पूरा कराया. इस केस में 7 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. किशनगंज केस के लिए कुमार अभिषेक को केंद्रीय गृह मंत्री ने सम्मानित किया था.

कुमार आशीष देश के इकलौते अधिकारी हैं, जिन्होंने UPSC की परीक्षा में फ्रेंच भाषा चुनी और उत्तीर्ण हुए.

इसके अलावा, मुजफ्फरपुर में रेल SP के तौर पर उनका कार्यकाल भी चर्चा में रहा. इन्होंने रेलवे स्टेशन पर कूड़ा बीनने वाले बच्चों को पढ़ाने की मुहिम शुरू की. इस प्रयास की वजह से अब 150 से ज़्यादा ज़रूरतमंद बच्चों के लिए पांच स्टेशनों मुजफ्फरपुर, रकसौल, बेतिया, समस्तीपुर और दरभंगा में पाठशाला शुरू की गई है. कुमार आशीष की इस मुहिम की बिहार में काफी प्रशंसा की जाती है.

आशीष बताते हैं कि बच्चों के मन में पुलिस की सकारात्मक छवि बनाने के लिए उन्होंने सारण में नई पहल शुरू की है. पुलिस अधिकारी स्कूलों में जाकर बच्चों से बात करते हैं. उनके साथ क्विज़ खेलते हैं और बदले में उन्हें छोटे-छोटे इनाम देते हैं. उनका कहना है कि इससे बच्चों के मन में पुलिस का डर खत्म होगा. साथ ही अगर बच्चों के साथ कोई अपराध होगा तो वे पुलिस को बताने में हिचकिचाएंगे नहीं.

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