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संभल हिंसा मामले में सपा सांसद के खिलाफ केस दर्ज, अखिलेश बोले- "सरकार ने करवाया दंगा"

Sambhal में शाही मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इस मामले में अब तक कुल 7 FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से 5 मुकदमे संभल कोतवाली में और 2 मुकदमे थाना नखासा में दर्ज किए गए हैं. अब तक कुल 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

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संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हिंसा भड़क गई. (तस्वीर: PTI)

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा (Sambhal violence) की अब मजिस्ट्रेट जांच होगी. मुरादाबाद के कमिश्नर आंजनेय सिंह ने इसकी जानकारी दी है. हिंसा से जुड़ी घटनाओं में अब तक 2500 से अधिक लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. इसमें संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क और सदर विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकलाल का भी नाम है. उनके खिलाफ हिंसा भड़काने का आरोप लगा है.

नए लड़कों से करवाई गई हिंसा- कमिश्नर

मुरादाबाद के कमिशनर आंजनेय कुमार ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) की कार्रवाई हो सकती है. उन्होंने मीडिया को बताया, 

“संभल के हालात कंट्रोल में हैं. जिस जगह ये उपद्रव हुआ केवल वहां कुछ दुकानें बंद हैं. जिस तरह के साक्ष्य मिल रहे हैं, NSA तक की कार्रवाई भी की जा सकती है. नए लड़कों से ये काम कराया गया है, जिनकी उम्र पढ़ने की है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में देसी बंदूक में इस्तेमाल होने वाले कारतूस पाया गया है. पुलिस पड़ताल करेगी, मजिस्ट्रेट जांच भी होगी.”

वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने सांसद जिया उर रहमान बर्क के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने पर सवाल उठाए हैं. उनका आरोप है कि ये दंगा सरकार ने करवाया है. इससे पहले संभल हिंसा का मामला विपक्ष ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा में उठाने की कोशिश की. हालांकि, कुछ ही देर बाद संसद स्थगित हो गई. 

अखिलेश ने कहा- सपा सांसद संभल में नहीं थे

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में अब तक कुल 7 FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें से 5 मुकदमे संभल कोतवाली में और 2 मुकदमे थाना नखासा में दर्ज किए गए हैं. अब तक कुल 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

सपा सांसद जिया उर रहमान के खिलाफ सुनियोजित तरीके से हिंसा भड़काने, मस्जिद के बाहर भीड़ जुटाने और उकसाने के आरोप लगे हैं. अपने सांसद का नाम FIR में आने पर अखिलेश यादव ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा,

“हमारे सांसद जिया उर रहमान संभल में ही नहीं थे लेकिन इसके बावजूद उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है. क्या ऐसा उदाहरण कहीं देखने-सुनने को मिला है? ये दंगा पूरा का पूरा कराया गया है. इसे सरकार ने कराया है. क्योंकि सरकार जो बेईमानी कर रही थी. सरकार जिसने वोट लूटा, जिसने EVM में बार-बार बटन पुलिस से दबवाई. चुनाव में सरकार की चोरी पकड़ी न जाए, इसलिए संभल में ये घटना करवाई गई.”

उन्होंने आगे कहा,

“सांसद जिया उर रहमान संभल में नहीं थे, बेंगलुरु में थे. विपक्ष संभल हिंसा से जुड़े सवाल को सदन में उठाना चाहता है, लेकिन मौका नहीं दिया गया.”

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, जिया उर रहमान के FIR में नाम डाले जाने के मामले को लेकर पुलिस ने कहा है कि कोई कहीं भी रहे, जगह से फर्क नहीं पड़ता है. 

मीडिया रपटों की मानें तो शाही मस्जिद के सदर जफर अली को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. इससे पहले उन्होंने 25 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस और SDM को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया था.

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चार लोगों की मौत, 24 घंटे के लिए इंटरनेट सस्पेंड

24 नवंंबर को भड़की हिंसा के बाद से अबतक 4 लोगों की मौत हो गई है. मृतकों की पहचान नईम, बिलाल अंसारी, नौमान और मोहम्मद कैफ के रूप में हुई है. आरोप है कि पीड़ितों को पुलिस की गोली लगने से मौत हुई है, लेकिन पुलिस ने इन आशंकाओं से इनकार करते हुए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतज़ार करने को कहा है. वहीं, हिंसा के दौरान 4 बड़े अधिकारियों समेत 24 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.

हिंसा के बाद पुलिस ने भारी संख्या में फोर्स को तैनात किया है. इंटरनेट को 24 घंटे के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, 25 नवंबर को कक्षा 12वीं तक के स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है.  

वीडियो: संभल की जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम पर पथराव, एसपी ने क्या कहा?