उत्तर प्रदेश के संभल में बीजेपी नेता गुलफाम सिंह यादव की मौत के मामले में नया मोड़ आया है. आरोप लगे थे कि एक व्यक्ति ने उनके पेट में जहरीला इंजेक्शन लगा दिया था जिससे उनकी मृत्यु हो गई. लेकिन, 11 मार्च को पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जहर की मौजूदगी की पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस ने गुलफाम का विसरा सुरक्षित रख लिया है, जिसे आगे की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजा जाएगा.
'जहर' वाले इंजेक्शन से संभल के BJP नेता की हत्या का दावा था, पोस्टमार्टम में जहर ही नहीं मिला
10 मार्च को गुलफाम अपने खेत पर मौजूद थे. तभी तीन लोग वहां पहुंचे. बाद में उनमें से एक व्यक्ति बाहर चला गया, जबकि बाकी दो उनके साथ बैठ गए. तभी एक शख्स ने कथित रूप से उनके पेट में इंजेक्शन लगा दिया. फिर दोनों बाइक पर फरार हो गए.

घटना 10 मार्च दोपहर की है, जब गुलफाम अपने खेत पर मौजूद थे. तभी तीन लोग वहां पहुंचे और उनके पैर छूकर अभिवादन किया. इंडियन एक्सप्रेस ने पुलिस के हवाले से लिखा है कि गुलफाम ने अपने नौकर को उन लोगों को पानी देने के लिए कहा. इस दौरान तीन में से एक व्यक्ति बाहर चला गया, जबकि बाकी दो उनके साथ बैठ गए. तभी एक शख्स ने कथित रूप से उनके पेट में इंजेक्शन लगा दिया. फिर दोनों बाइक पर फरार हो गए.
गंभीर हालत में गुलफाम को पहले स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. बाद में उन्हें अलीगढ़ रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई. 11 मार्च को गुलफाम के बेटे विनय प्रकाश ने तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ जुनावई पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है.
अब इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में जुनावई पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) सुनील कुमार सिंह ने बताया,
"शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 101 (हत्या) के तहत FIR दर्ज की गई है. फरार आरोपियों की तलाश के लिए आठ पुलिस टीमों का गठन किया गया है. हमें अभी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट लिखित रूप में नहीं मिली है, लेकिन मौखिक रूप से बताया गया है कि रिपोर्ट में जहर की मौजूदगी की पुष्टि नहीं हुई है. विस्तृत जांच के लिए विसरा को आगरा की फॉरेंसिक लैब में भेजा जाएगा."
पुलिस ने मौके से एक सीरिंज का रैपर और एक हेलमेट बरामद किया है, जो आरोपियों द्वारा छोड़ा गया था. संभल की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) अनुकृति शर्मा ने कहा,
"हम इस मामले में हर संभावित पहलू की जांच कर रहे हैं और फिलहाल इसे 'ब्लाइंड मर्डर' मानकर चल रहे हैं, क्योंकि इस घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है."
उन्होंने कहा कि गुलफाम के शरीर पर चोट के कोई निशान नहीं मिले, सिवाय उस जगह के जहां सुई पेट में इंजेक्ट की गई थी.
गुलफाम सिंह यादव बीजेपी के नेता थे. 2004 में उत्तर प्रदेश के गुन्नौर विधानसभा क्षेत्र से सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ चुनाव लड़कर चर्चा में आए थे. हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. गुलफाम ने 1976 में लेखपाल (सरकारी अकाउंटेंट) की नौकरी छोड़कर RSS जॉइन किया और तब से संघ परिवार से जुड़े रहे. बाद में वे बीजेपी की पश्चिमी यूपी इकाई के उपाध्यक्ष बने.
वह 2022 लोकसभा चुनाव में संभल सीट और 2024 विधानसभा चुनाव में अन्य सीटों के प्रभारी भी बनाए गए थे. इसके अलावा, गुलफाम यूपी राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य के रूप में भी कार्य कर चुके थे.
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