उत्तर प्रदेश के संंभल (Sambhal) जिले पर पूरे देश की नजर है. प्रशासन ने पिछले एक हफ्ते में बंद पड़े दो मंदिरों के ताले खोले हैं. ASI भी पूरी तरह से सक्रिय है. शुक्रवार, 20 दिसंबर को ASI की टीम ने संभल के पांच तीर्थों और 19 कुओं का सर्वे किया. सुरक्षा कारणों से यह सर्वे पूरी तरह से गोपनीय रखा गया. जानकारी के मुताबिक, ASI की टीम आज यानी 21 दिसंबर को भी संभल में मौजूद रहेगी. टीम संभल के कुछ और तीर्थो का आज सर्वे करेगी.
46 साल पुराने मंदिर, कुओं और तीर्थों का हुआ सर्वे... संभल पर बन रही अब ASI की बड़ी रिपोर्ट
Sambhal Survey: ASI की टीम ने संभल के पांच तीर्थों और 19 कुओं का सर्वे किया. सुरक्षा कारणों से यह सर्वे पूरी तरह से गोपनीय रखा गया. जानकारी के मुताबिक, ASI की टीम आज यानी 21 दिसंबर को भी संभल में मौजूद रहेगी.
आजतक की खबर के मुताबिक, 20 दिसंबर को जुमे की नमाज को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. स्थानीय प्रशासन की देखरेख में ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम ने सर्वे किया. इस दौरान टीम ने पांच अलग-अलग जगहों का सर्वे किया. जिनमें -भद्रकाश्रम -स्वर्गदीप -चक्रपाणि -प्राचीन तीर्थ, श्मशान मंदिर और 19 कुएं शामिल हैं. संभल में ASI की टीम ने एक जगह पुराने पत्थर की भी जांच की, जिसमें टूटी फूटी आकृतियां उभरी हुई दिखीं. रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि मंदिर और कुओं का इतिहास क्या है?
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‘46 साल’ से बंद मंदिर का सर्वेदरअसल, 14 दिसंबर को जिला प्रशासन ने खग्गू सराय इलाके में एक मंदिर को फिर से खोल दिया था. इसे स्थानीय लोग कार्तिकेय महादेव मंदिर के नाम से जानते हैं. प्रशासन की ओर से दावा किया गया कि बिजली चोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान उन्हें इस मंदिर का पता चला. यह मंदिर कथित तौर पर 1978 से बंद था. इसके बाद संभल के डीएम डॉ राजेंद्र पेंसिया ने ASI से मंदिर की वैज्ञानिक जांच का अनुरोध किया था. जिसके बाद ASI की एक चार सदस्यीय टीम संभल पहुंची. ASI की टीम के आने से पहले मंदिर के पास के कुएं के चारों तरफ बैरिकेडिंग कर दी गई.
संभल में ASI की टीम ने कार्तिकेय महादेव मंदिर में जाकर सर्वे किया. टीम ने उस कुएं की भी जांच की, जहां दावा किया गया कि कभी पूरा मोहल्ला इस कुएं का पानी पिया करता था. उसका जल मंदिर की पूजा-पाठ में इस्तेमाल होता था. इसके अलावा टीम ने दूसरे यानी 18 दिसंबर को मिले बालाजी के मंदिर का भी सर्वे किया. आने वाले वक्त में अब ASI की रिपोर्ट ही मंदिर और कुओं की पूरी कहानी बताएगी.
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