सुप्रीम कोर्ट ने 3 मार्च को कॉमेडियन समय रैना को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने समय रैना के कनाडा में दिए एक बयान को लेकर सख्त टिप्पणी की है. शीर्ष अदालत ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी खुद को ‘जरूरत से ज्यादा होशियार’ समझती है. सुप्रीम कोर्ट ने पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया की याचिका पर हो रही सुनवाई के दौरान ये बात कही.
SC ने रणबीर इलाहाबादिया को शूटिंग की अनुमति दी, लेकिन समय रैना को जमकर सुनाया
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, "ये युवा और कुछ जरूरत से ज्यादा होशियार लोग सोचते हैं कि वे सब कुछ जानते हैं... इनमें से एक कनाडा गया और वहां इस पर टिप्पणी की."

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा,
"ये युवा और कुछ जरूरत से ज्यादा होशियार लोग सोचते हैं कि वे सब कुछ जानते हैं... इनमें से एक कनाडा गया और वहां इस पर टिप्पणी की."
इस पर भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, "हां, वह (समय रैना) विदेश गए और इस कानूनी कार्यवाही का मजाक उड़ाया."
जस्टिस सूर्यकांत ने आगे चेतावनी देते हुए कहा, "शायद इन्हें इस अदालत के अधिकार क्षेत्र (jurisdiction) की समझ नहीं है." उन्होंने यूट्यूबर्स को सख्त हिदायत देते हुए कहा, "संभलकर रहें, नहीं तो हमें सही तरीके से संभालना आता है."
समय रैना ने कहा क्या था?समय रैना पिछले महीने 'Samay Raina Unfiltered' टूर के लिए कनाडा में थे. इसी दौरान उन्होंने India's Got Latent से जुड़े विवाद पर अपने अंदाज में टिप्पणी की. स्टेज पर अपनी पहले जोक में उन्होंने दर्शकों से कहा, "मेरे वकील की फीस भरने के लिए धन्यवाद."
पिछले महीने एक बड़ा विवाद तब खड़ा हुआ जब रणवीर इलाहाबादिया ने समय रैना के शो 'India's Got Latent' में माता-पिता को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की. इस बयान के बाद इलाहाबादिया और India's Got Latent का जबरदस्त विरोध हुआ. यहां तक कि यह मुद्दा संसद में भी चर्चा का विषय बना. सोशल मीडिया पर रणवीर के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई गईं.
हालांकि आज कोर्ट ने रणवीर को अपना पॉडकास्ट 'The Ranveer Show' फिर से शुरू करने की इजाज़त दे दी है. 31 साल के यूट्यूबर को पहले किसी भी शो की शूटिंग से रोका गया था. अब उन्हें राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह शर्त रखी है कि रणवीर को एक लिखित आश्वासन (undertaking) देना होगा, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके शो में नैतिकता (morality) के मानकों का पालन किया जाएगा, ताकि किसी भी उम्र के दर्शक इसे देख सकें.
रणवीर इलाहाबादिया के वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की पीठ से अनुरोध किया कि उनके शो पर लगी पाबंदी हटा दी जाए, क्योंकि इससे करीब 280 लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इलाहाबादिया की टिप्पणी ‘अश्लील नहीं, लेकिन विकृत’ थी. उन्होंने कहा,
"मैंने भी जिज्ञासावश यह शो देखा. हास्य एक चीज है, अश्लीलता दूसरी चीज है, और विकृति एक अलग ही स्तर पर है. इसे तो छोड़िए, मैं और अटॉर्नी जनरल भी इसे साथ नहीं देख सकते. न्यायाधीश भी इसे साथ नहीं देख सकते. बेहतर होगा कि वह कुछ समय के लिए शांत रहें."
न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (free speech) को लेकर लेख लिख रहे हैं. उन्होंने कहा कि हर मौलिक अधिकार के साथ एक कर्तव्य भी होता है. इसके कुछ प्रतिबंध भी हैं.
वीडियो: समय रैना के सपोर्ट में आए रघु राम, शो का हिस्सा बनने पर कही ये बात