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21 बीघा ज़मीन पर बना करोड़ों का आश्रम, लग्जरी गाड़ियों के लिए गैरेज, हाथरस वाले 'भोले बाबा' की शान-ओ-शौकत देख चौंक जाएंगे

Hathras stampede update : मैनपुरी के बिछवा स्थित Narayan Sakar Hari बाबा का आश्रम अलीगढ़ जीटी रोड पर 21 बीघा ज़मीन में बना है. आश्रम में बाबा के आलीशान लग्जरी गाड़ियों को रखने के लिए गैरेज भी है.

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‘भोले बाबा’ के उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों में भी आश्रम हैं. (फ़ाइल फ़ोटो - इंडिया टुडे)

बाबा सूरज पाल उर्फ़ नारायण साकार हरि उर्फ़ भोले बाबा. इन्हीं के कार्यक्रम में हाथरस में मची भगदड़ से अब तक 120 से ज़्यादा लोगों के मौत की ख़बर है. अब इनके जलवों की रह-रहकर ख़बर आ रही है. बीते दिनों ख़बर आई कि बाबा ने अपनी सुरक्षा के लिए महिला और पुरुष गार्ड रखे थे. ये लोग एक ही तरह के ड्रेस पहनते थे. ये भी बताया गया कि प्रवचन स्थल तक बाबा के लिए अलग से रास्ता बनाया गया था. रास्ते पर बाबा के काफिले के अलावा किसी को जाने की अनुमति नहीं थी. अब जानकारी आई है कि मैनपुरी के बिछवा स्थित जिस आश्रम में बाबा रहते हैं, उसकी कीमत करोड़ों में है. आश्रम अलीगढ़ जीटी रोड पर 21 बीघा ज़मीन में बना है. आश्रम में बाबा के आलीशान लग्जरी गाड़ियों को रखने के लिए गैरेज भी है.

आजतक से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक़, इस आश्रम के अलावा भी ‘भोले बाबा’ के उत्तर प्रदेश समेत दूसरे राज्यों में आश्रम हैं. बाबा के अलग-अलग शहरों में कई बड़े आश्रम बने हुए हैं. कासगंज, आगरा, कानपुर, शाहजहांपुर के साथ ग्वालियर में भी बाबा का आश्रम है. बाबा के पास जितने भी शहर में आश्रम हैं, उनके अलग-अलग ट्रस्ट और ट्रस्टी भी. जो उस शहर के ही लोग हैं. कागज में बाबा ट्रस्ट के ही नाम पर पैसा इकट्ठा करवाता है और आलीशान कोठियां बनाता है.

आजतक की रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि मैनपुरी में स्थित आश्रम के लिए बाबा को ये ज़मीन मैनपुरी के ही विनोद बाबू ने दान में दी थी. बाबा ने आश्रम के गेट पर 200 बड़े दानदाताओं की एक लिस्ट लगा रखी है. इस लिस्ट में सबसे जमीन दान देने वाले विनोद बाबू का नाम पहले नंबर पर है. उसके बाद 199 नाम और हैं, जिन्होंने आश्रम को 2 लाख 51 हजार रुपए से लेकर डेढ़ लाख, 1 लाख, 80 हजार, 50,000, 25000, 11000 और 10,000 रुपये तक दान में दिए.

बताया गया कि बाबा भगवा पहनने के बजाए सूट-बूट, टाई पहनकर रहता है. महंगी घड़ी, महंगा चश्मा लगाकर भक्ति सिखाता है. बाबा के मैनपुरी के आश्रम के ठीक सामने एक अर्धनिर्मित स्कूल है. ये स्कूल बनकर पूरा नहीं हुआ, लेकिन स्कूल के कमरों में बाबा के प्रचार का पूरा सामान रखा है. इसमें बाबा के सत्संग के लिए लगने वाले तंबू के सामान, उनके पोस्टर, जगह-जगह लगाई जाने वाली होर्डिंग और काम करने वालों के लिए कमरे बने हुए हैं.

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पूछा जा रहा है कि जब स्कूल बाबा का ही है नहीं, तो फिर इस स्कूल में बाबा का सामान क्यों रखा है. ये सवाल स्कूल के कर्ताधर्ता और बाबा के भक्त सूबेदार राकेश फौजी से भी पूछा गया. इस पर उन्होंने जवाब दिया कि स्कूल दूसरे लोगों ने बनवाया है. बाबा के ट्रस्ट से इसका कोई लेना देना नहीं है. बाबा ने हाईवे से सटे हुए कई बीघा खेत किराए पर ले रखा है.

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