विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस महीने के अंत में पाकिस्तान जाएंगे. शनिवार 5 अक्टूबर को मीडिया को संबोधित करते हुए एस जयशंकर ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर किसी भी तरह की बातचीत की संभावना से इनकार किया है. उनके मुताबिक उनकी यह यात्रा सिर्फ बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा,
पाकिस्तान दौरे से पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया, क्या दोनों देशों के बीच होगी बातचीत!
विदेश मंत्री एस जयशंकर 15-16 अक्टूबर को पाकिस्तान जाएंगे. इस दौरान वो इस्लामाबाद में SCO के हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में हिस्सा लेंगे.
"जाहिर तौर पर दोनों देशों के बीच संबंधों को देखते हुए पाकिस्तान यात्रा पर मीडिया का खासा ध्यान रहेगा. लेकिन, मैं स्पष्ट कर दूं कि यह दौरा किसी बातचीत के लिए नहीं हो रहा है."
जयशंकर ने आगे कहा,
"यह यात्रा बहुपक्षीय सम्मेलन पर केंद्रित रहेगी. मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने के लिए नहीं जा रहा हूं. आप जानते हैं, मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं. इसलिए उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा."
लभगभ एक दशक बाद भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान के दौरे पर होंगे. पाकिस्तान का दौरा करने वाली आखिरी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं, जिन्होंने दिसंबर 2015 में अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद की यात्रा की थी. पाकिस्तान 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में SCO शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. भारत ने 30 अगस्त को पुष्टि की कि उसे आगामी शिखर सम्मेलन के लिए पाकिस्तान से निमंत्रण मिला है.
जयशंकर ने अपनी यात्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए आगे कहा,
क्या है SCO?"यह यात्रा SCO शासनाध्यक्षों की मीटिंग के लिए है. आम तौर पर राष्ट्राध्यक्षों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के लिए प्रधानमंत्री जाते हैं. लेकिन कभी-कभी इसमें बदलाव होता है."
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन 10 देशों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है. साल 2001 में इसकी स्थापना किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकस्तान और उज्बेकिस्तान ने व्यापार और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए की थी. बाद में कई और देश जुड़ते चले गए. भारत और पाकिस्तान साल 2017 में इस संगठन के सदस्य बने थे.
इसमें भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, कजाकस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस हैं. बेलारूस संगठन का सबसे नया सदस्य है. जुलाई 2024 में वो संगठन का हिस्सा बना था. पिछले साल ईरान भी SCO का सदस्य बना था. इस संगठन में दुनिया की 40 फीसदी आबादी है.
2001 से ही हर साल सदस्य देशों के हेड ऑफ़ द स्टेट, हेड ऑफ़ द गवर्नमेंट और फ़ॉरेन मिनिस्टर्स की अलग-अलग बैठक आयोजित होती रही हैं. भारत के संदर्भ में समझना हो, तो राष्ट्रपतियों की बैठक, प्रधानमंत्रियों की बैठक और विदेश मंत्रियों की बैठक.
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