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भारतीय विदेश मंत्री 9 साल बाद पाकिस्तान में, फिर भी आमने-सामने की बातचीत नहीं होगी, पता है क्यों?

पिछले 9 साल में किसी भी भारतीय विदेश मंत्री ने Pakistan का दौरा नहीं किया था. S Jaishankar शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में भाग लेने के लिए Islamabad पहुंचे हैं.

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इस्लामाबाद में एस जयशंकर. (फोटो: PTI)

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) पाकिस्तान में हैं. शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट में भाग लेने के लिए जयशंकर 15 अक्टूबर की दोपहर को इस्लामाबाद पहुंच गए थे. इस तरह जयशंकर पिछले 9 साल में पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री बन गए. इससे पहले सुषमा स्वराज विदेश मंत्री रहते हुए पड़ोसी देश पहुंची थीं. वो 8-9 दिसंबर, 2015 को 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं.

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इलियास निजामी ने एस जयशंकर का स्वागत किया. निजामी इससे पहले दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में राजनीतिक सलाहकार थे. इसके बाद 15 अक्टूबर की शाम को भारतीय विदेश मंत्री ने रात्रिभोज के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की. दोनों को हाथ मिलाते और बहुत कम समय के लिए बातचीत करते देखा गया.

पड़ोसी देश चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग भी SCO समिट के लिए पाकिस्तान पहुंचे हैं. 11 साल के बाद चीन का कोई प्रधानमंत्री यहां पहुंचा तो खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया.

भारतीय पत्रकारों से बातचीत के दौरान पाकिस्तान के योजना मंत्री अहसान इकबाल से सवाल पूछे गए. एक सवाल ये भी पूछा गया कि क्या जयशंकर और पाकिस्तानी नेताओं के बीच बैठक का प्रस्ताव रखा जाएगा. उन्होंने जवाब में कहा,

“हम मेजबान हैं, हम बैठक का प्रस्ताव नहीं दे सकते. जब बात उंगली उठाने की आती है, तो दोनों देशों के पास एक-दूसरे पर उंगली उठाने के लिए पर्याप्त हथियार हैं. और इसलिए, मुझे लगता है कि हमें उंगली उठाने से आगे बढ़ने की जरूरत है. और हमें इस क्षेत्र में रहने वाले डेढ़ अरब से ज्यादा लोगों के बारे में सोचना चाहिए.”

उन्होंने आगे कहा,

 "… मैं हमेशा अपने भारतीय दोस्तों से कहता हूं. अगर भारत के पास अपने भूगोल का सिर्फ एक चौथाई हिस्सा होता, तो कोई समस्या नहीं होती."

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि जयशंकर पाकिस्तान के मेहमान हैं. और पाकिस्तान ने इस सम्मेलन में आए सभी लोगों का स्वागत किया है. पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन से इतर द्विपक्षीय बातचीत की कोई योजना नहीं है.

SCO क्या है?

चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के बीच अप्रैल, 1996 में एक बैठक हुई. इस बैठक को तब ‘शंघाई फाइव’ कहा गया. इसका मकसद आपस में मिलकर एक-दूसरे के नस्लीय और धार्मिक तनावों को दूर करना था. हालांकि, 15 जून 2001 को आधिकारिक रूप से शंघाई सहयोग संगठन का गठन हुआ. 

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