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रूसी विमान की 'टक्कर' से गिरा अमेरिकी ड्रोन, रूस बोला- 'चक्कर खाकर खुद ही गिर गया'

अमेरिकी वायु सेना और रूस के रक्षा मंत्रालय ने घटना को लेकर बयान जारी किए हैं.

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अमेरिकी ड्रोन की एक पुरानी तस्वीर. (साभार- US Air Force)

यूरोप और एशिया के बीच स्थित काला सागर के आसमान में एक रूसी लड़ाकू विमान और अमेरिकी ड्रोन की कथित रूप से ‘टक्कर’ हो गई (Russian jet-American drone collision over Black Sea). इस घटना में अमेरिका का चर्चित मानवरहित विमान MQ-9 रीपर क्रैश होकर पूरी तरह नष्ट हो गया. अमेरिकी वायु सेना ने इसकी पुष्टि करते हुए रूस पर आरोप लगाए हैं. उसके प्रवक्ता जेम्स हेकर ने बताया कि ड्रोन रूस के फाइटर जेट Su-27 से टकराया था. वहीं रूस ने इस आरोप को खारिज किया है. वहां के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि रूसी विमान अमेरिकी ड्रोन से नहीं टकराया, बल्कि ‘चालाकी’ दिखाने के चक्कर में MQ-9 खुद ही क्रैश हो गया.

अमेरिका का दावा

जेम्स हेकर के मुताबिक घटना के वक्त MQ-9 काला सागर स्थित अंतरराष्ट्रीय वायुक्षेत्र में अपने रूटीन ऑपरेशन को अंजाम दे रहा था. उसी दौरान रूसी विमानों ने उसके काम में दखल देने की कोशिश की. इसके चलते एक विमान MQ-9 से टकराया. बयान में अमेरिकी वायु सेना ने आरोप लगाया कि MQ-9 को इंटरसेप्ट करने के बाद रूस के Su-27 विमानों ने लापरवाही और गैर-पेशेवर तरीके से उड़ान भरी. उसने कहा कि ये इस बात का उदाहरण है कि रूस में सैन्य सामर्थ्य की कमी है और उसका रवैया असुरक्षित और गैर-पेशेवर है.

जेम्स हेकर ने आगे कहा कि अमेरिका और इसके सहयोगी देशों के विमान काला सागर के इलाके में चक्कर लगाते रहेंगे और रूस यहां पेशेवर तरीके और सुरक्षा के साथ अपने विमानों का संचालन करे. अमेरिकी वायु सेना ने चेतावनी दी कि इस तरह की आक्रामक कार्रवाइयां गैर-इरादतन टकराव को बढ़ावा देंगी.

रूस का जवाब

अमेरिका के आरोपों पर रूस का जवाब भी आया. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक वहां के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि उसका कोई फाइटर जेट अमेरिकी ड्रोन के संपर्क में नहीं आया. उसने कहा कि रूसी विमानों के दिखने के बाद अपनी पोजीशन सेट करने के दौरान MQ-9 रीपर ड्रोन खुद ही क्रैश हो गया. 

बयान में रूसी मंत्रालय ने ‘शार्प मनूवरिंग’ (Sharp Maneuvering) शब्द का इस्तेमाल किया है. हवाई युद्ध में इसका मतलब है दुश्मन को ध्यान में रखते हुए अपनी पोजीशन में बदलाव करना ताकि जरूरत पड़ने पर हमला किया जा सके. रूस के मुताबिक रूसी विमानों के मद्देनजर अमेरिकी ड्रोन ने अपनी पोजीशन तेजी से बदलने की कोशिश की थी. उसी दौरान वो हादसे का शिकार हो गया जिसके बाद रूसी विमान सुरक्षित अपने बेस पर लौट आए.