क्रेमलिन समर्थक और सरकारी मीडिया आउटलेट्स के अकाउंट्स बहाल न करने के कारण रूस ने गूगल पर बड़ा एक्शन लिया है. कई सालों तक इन अकाउंट्स को बहाल करने से इनकार करने के कारण गूगल पर लगभग 2 undecillion rubles का फाइन (Russia Fines Google) लगाया गया है.
गूगल पर रूस ने इतना फाइन लगा दिया, जितना दुनिया में पैसा ही नहीं है
रूस ने गूगल पर जितना फाइन लगाया है, वो दुनिया की GDP से भी ज्यादा है. माने इस धरती पर जितना पैसा है, उससे भी ज्यादा.
मॉस्को टाइम्स ने आरबीसी समाचार के हवाले से बताया कि 2020 से ही गूगल पर जुर्माना चढ़ना शुरू हो गया था. सरकार समर्थक मीडिया आउटलेट ज़ारग्रेड (Tsargrad) और RIA FAN ने यूट्यूब चैनल ब्लॉक किए जाने के बाद गूगल के खिलाफ मुकदमा जीता था. इसके बाद से गूगल पर प्रतिदिन 100,000 रूबल (लगभग 87 हजार रुपये) का जुर्माना लगने लगा था. डेली लगने वाला ये जुर्माना हर हफ़्ते दोगुना होता गया. वर्तमान में ये लगभग 2 undecillion rubles हो गया है. पर ये जुर्माना कितना होता है? ये भी बताते हैं.
Million, Billion, Trillion की तरह ही undecillion भी एक संख्या होती है. Undecillion को आसान भाषा में समझें तो 1 Undecillion के आगे 36 जीरो लगते हैं. ये आंकड़ा कितना बड़ा होता है? आप इससे अंदाजा लगाइए कि 10 लाख में 4 जीरो होते हैं. माने Undecillion में इससे 7 गुना जीरो. और फाइन लगा है 2 Undecillion रूबल का.
अंदाजे के लिए एक और आंकड़ा बता देते हैं. रूस ने गूगल पर जितना फाइन लगाया है, वो दुनिया की GDP से भी ज्यादा है. माने इस धरती पर जितने पैसे हैं, उससे भी ज्यादा. गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट का 2023 का रेवेन्यू 307 बिलियन डॉलर था. ये कितना होता है, ये भी बताते हैं. 1 बिलियन डॉलर में लगभग 8400 करोड़ रुपये होते हैं. अल्फाबेट का रेवेन्यू इससे 307 गुना ज्यादा है. मतलब इतना रेवेन्यू होते हुए भी अल्फाबेट ये फाइन नहीं भर पाएगा.
आरबीसी सूत्र के मुताबिक कुल 17 रूसी टीवी चैनलों ने गूगल के खिलाफ कानूनी दावे दायर किए हैं. इसमें सरकारी चैनल वन, सैना से जुड़ा ज्वेज्दा ब्रॉडकास्टर और RT की प्रधान संपादक मार्गारीटा सिमोनियन का प्रतिनिधित्व करने वाली एक कंपनी शामिल है.
बता दें कि यूट्यूब (जो कि गूगल की ही एक कंपनी है) ने कई रूसी सरकारी मीडिया आउटलेट्स को ब्लॉक कर दिया था. इतना ही नहीं, मॉस्को में अधिकारियों ने कंपनी पर जुर्माना लगाकर जवाबी कार्रवाई की थी, लेकिन उनकी वेबसाइट को ब्लॉक नहीं किया था. इसके बाद गूगल की रूसी सहायक कंपनी ने 2022 में दिवालियापन के लिए आवेदन किया था. पिछले साल कंपनी को आधिकारिक तौर पर दिवालिया घोषित कर दिया गया था.
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