रूस और यूक्रेन (Russia-Ukraine War) एक-दूसरे के ऊर्जा ठिकानों पर अस्थायी तौर पर हमले रोकने (Suspend Strikes On Energy Facilities) पर राज़ी हो गए हैं. दोनों देशों ने काला सागर (Black Sea) में जहाज़ों की सुरक्षित आवाजाही और सैन्य हमले रोकने पर भी सहमति जताई है. हालांकि रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ ने कहा कि ब्लैक सी में सीजफायर तभी शुरू होगा जब वेस्ट की ओर से एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट से जुड़े प्रतिबंधों में राहत मिलेगी. रूस ने मंगलवार 25 मार्च को यह जानकारी साझा की. बीते दिनों युद्ध रोकने के लिए अमेरिका की मध्यस्थता के बाद दोनों देश इस पर राज़ी हुए हैं.
खत्म होगा रूस-यूक्रेन युद्ध, 'सीजफायर' से संकेत तो ऐसे ही मिल रहे हैं
रूस और यूक्रेन के बीच ऊर्जा ठिकानों पर हमलों पर अस्थायी रोक 18 मार्च से लागू मानी जाएगी. यह 30 दिनों के लिए जारी रहेगी. इसे आपसी समझौते से बढ़ाया भी जा सकता है. क्रेमलिन ने कहा कि किसी भी पक्ष से इसका उल्लंघन खुद-ब-खुद समझौते को खत्म कर देगा.

NDTV की रिपोर्ट में क्रेमलिन के टेलीग्राम चैनल पर जानकारी दी गई है कि दोनों देश एक-दूसरे की ऑइल रिफाइनरी, ऑइल और गैस पाइपलाइन और न्यूक्लियर स्टेशनों पर हमला नहीं करेंगे. इसके अलावा, फ्यूल स्टोरेज, पंपिंग स्टेशन, बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे- बिजली बनाने वाले प्लांट, सबस्टेशन, ट्रांसफार्मर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स और हाइड्रोइलेक्ट्रिक डैम पर भी हमले नहीं किए जाएंगे.
न्यूज़ एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, ऊर्जा ठिकानों पर हमलों पर अस्थायी रोक 18 मार्च से लागू मानी जाएगी. यह 30 दिनों के लिए जारी रहेगी. इसे आपसी समझौते से बढ़ाया भी जा सकता है. क्रेमलिन ने कहा कि अगर एक पक्ष की ओर से समझौते का उल्लंघन किया जाता है तो दूसरा पक्ष खुद-ब-खुद समझौते की शर्तों से मुक्त हो जाएगा. रूस ने कृषि और फर्टिलाइजर एक्सपोर्ट के लिए उनकी कंपनियों पर वेस्टर्न प्रतिबंध हटाने की भी अपील की है. इस पर कुछ शर्तों के साथ अमेरिका ने सहमति जताई है.
उधर, अमेरिका ने मंगलवार को कहा,
उसने यूक्रेन और रूस के साथ अलग-अलग समझौते किए हैं ताकि ब्लैक सी में सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित की जा सके. साथ ही दोनों देशों में ऊर्जा ठिकानों पर हमले पर प्रतिबंध लागू किया जा सके. इसके अलावा वॉशिंग्टन ने रूस के रुख का समर्थन करने की दिशा में उनके खिलाफ कुछ प्रतिबंधों को हटाने के लिए दबाव बनाने पर सहमति व्यक्त की है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को मीडिया से कहा,
हम रूस और यूक्रेन के साथ गहन चर्चा कर रहे हैं और मैं कहूंगा कि यह अच्छी तरह से चल रहा है.
दूसरी तरफ, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने 26 मार्च को X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा,
आने वाले दिनों में रूस का बर्ताव बहुत कुछ बता देगा. अगर फिर से हवाई हमले होते हैं, ब्लैक सी में फिर से सैन्य गतिविधि होती है, रूसी चालबाज़ी और धमकियां जारी रखते हैं तो मास्को के खिलाफ नए उपाय करने की ज़रूरत होगी. कूटनीति काम करनी चाहिए. हम अपनी तरफ से सब कुछ कर रहे हैं. अब रूस की तरफ से नतीजे चाहिए. हम उन पर भरोसा नहीं करते. सच कहूं तो दुनिया रूस पर भरोसा नहीं करती. उन्हें यह साबित करना होगा कि वे वाकई युद्ध खत्म करने के लिए तैयार हैं. मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करता हूं जो मदद कर रहे हैं.
गौरतलब है कि अमेरिका लंबे वक्त से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खत्म करवाने की कोशिश में जुटा है. इस दिशा में अमेरिका और रूस के बीच 23 से 25 मार्च तक सऊदी अरब के रियाद में द्विपक्षीय वार्ताएं भी हुई थीं. इन वार्ताओं में दोनों देशों के बीच कई अहम बातों पर सहमति बनी.
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