एक जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर ने पानी के नीचे रहने का एक नया रिकॉर्ड बनाया है. 59 साल के रूडिगर कोच (Rudiger Koch) ने 120 दिनों का समय पानी के भीतर बिताया. वो पनामा तट पर समुद्र के 11 मीटर (36 फीट) नीचे थे. इतने दिन उन्होंने कैसे पानी में सर्वाइव किया? आइए सब जानते हैं.
समुद्र के नीचे लगातार 120 दिन तक रहा ये शख्स, ऐसा संभव कैसे हुआ?
Rudiger Koch under water Record: समद्र के नीचे रूडिगर कोच ने 120 दिनों का वक्त बिताया. 4 कैमरों से उनकी निगरानी की गई. उनकी 24 घंटों की एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया गया. पर इस शख्स ने ऐसा किया क्यों? और कैसे कर लिया ऐसा?
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रूडिगर इतनी गहराई में एक 'कैप्सूल' में रह रहे थे, उसमें एक बिस्तर, शौचालय, टीवी, कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था थी. साथ ही व्यायाम करने के लिए उपकरण भी थे. समुद्र के नीचे से उनका ‘कैप्सूल’, लहरों के ऊपर एक दूसरे चेंबर से जुड़ा हुआ था. ऊपर वाले चेंबर में रूडिगर की टीम के लोग रहते थे. दोनों चेंबर आपस में एक मोटे ट्यूब (पाइप) से जुड़े थे. इस रास्ते से उनकी टीम के लोग और पत्रकार उन तक जाते थे. इसके अलावा भोजन भेजने के लिए भी इसी रास्ते का इस्तेमाल किया जाता था. इस बाहरी चेंबर के ऊपर बिजली के लिए सोलर पैनल लगे थे. बैकअप जेनरेटर भी था.

24 जनवरी को रूडिगर ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया और उस ‘कैप्सूल’ से बाहर निकले. उन्होंने इसका जश्न मनाया. तब वहां ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ की अधिकारी सुजाना रेयेस भी मौजूद थीं. उन्होंने रूडिगर के रिकॉर्ड की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि इस एयरोस्पेस इंजीनियर ने अमेरिका के जोसेफ डिटूरी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. डिटूरी ने फ्लोरिडा लैगून में पानी के नीचे बने लॉज में 100 दिन बिताए थे.
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रूडिगर के कमरे का वीडियो देखिए-
न्यूज एजेंसी AFP के एक पत्रकार कुछ दिनों पहले रूडिगर से मिलने उनके ‘कैप्सूल’ में गए थे. इस दौरान रूडिगर ने कहा,
4 कैमरों से 24 घंटे निगरानीउम्मीद है कि मेरे ऐसा करने से इंसानी जीवन के बारे में लोगों की सोच बदलेगी. और हम कहीं भी बस सकेंगे, यहां तक कि स्थायी रूप से भी. हम ये साबित करने का प्रयास कर रहे हैं कि समुद्र वास्तव में मानव जीवन के विस्तार के लिए बेहतर विकल्प है.
सुजाना रेयेस ने बताया कि ये एक असाधारण रिकॉर्ड है, इसके लिए काफी मेहनत की जरूरत थी. उन्होंने कहा कि ‘गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ को ऐसे सबूतों की जरूरत थी जिससे 120 दिनों तक रूडिगर की निगरानी को साबित किया जा सके. और ये प्रमाणित हो सके कि वो इस दौरान कभी भी समुद्र के ऊपर नहीं आए. इसलिए उनके ‘कैप्सूल’ में 4 कैमरे लगाए गए थे. कैमरों में उनकी 24 घंटों की एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया गया. साथ ही उनकी मेंटल हेल्थ का भी ध्यान रखा गया.
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