जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में चार लोगों की हत्या (Jaipur Mumbai Train Killing) करने के आरोपी RPF कॉन्सटेबल चेतन सिंह (RPF Constable Chetan Singh) की मानसिक हालत स्थिर बताई गई है. इस मामले में राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने जो चार्जशीट दायर की है, उसमें कहा गया है कि आरोपी मानसिक तौर पर पूरी तरह स्थिर है और उसे पता था कि वो क्या कर रहा है.
ट्रेन में मर्डर करने वाले चेतन सिंह की मानसिक हालत ठीक, पुलिस ने कौन से सबूत दिखाए?
जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में चार लोगों की हत्या कर दी गई थी. ट्रेन में तैनात RPF कॉन्सटेबल चेतन सिंह पर हेट क्राइम का आरोप लगा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे पुलिस ने इस मामले में एक हजार से अधिक पन्नों की चार्जशीट दायर की है. मुंबई की एक स्थानीय अदालत में दायर की गई इस चार्जशीट में पुलिस की तरफ से कहा गया है कि 150 गवाहों के बयान के बाद वो इस निष्कर्ष तक पहुंचे हैं.
GRP अधिकारियों के मुताबिक, उन्होंने बोरिवली मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में CrPC की धारा 164 के तहत ऐसे तीन गवाहों के बयान दर्ज किए हैं.
गवाहों के बयानों के अलावा जांचकर्ताओं ने ट्रेन के डिब्बों में लगे CCTV कैमरों से मिली फुटेज को भी जांच में शामिल किया है. चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी चेतन सिंह डिब्बों के बीच टहल रहा है और संभावित पीड़ितों की तलाश कर रहा है.
हेट क्राइम का आरोपइससे पहले, 31 जुलाई को जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में चार लोगों की हत्या कर दी गई थी. आरोप है कि ट्रेन में तैनात RPF कॉन्सटेबल चेतन सिंह ने चारों की गोली मारकर हत्या की. मृतकों में RPF के असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर टीका राम भी शामिल थे.
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इस हत्याकांड के बाद पश्चिम रेलवे ने उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी की अध्यक्षता RPF के एडिशनल जनरल डायरेक्टर को सौंपी गई थी. कमेटी को इस हत्याकांड की व्यापक जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
इस बीच आरोपी कॉन्सटेबल का एक वीडियो भी वायरल हुआ था. इसमें आरोपी ट्रेन में मौजूद लोगों से कह रहा था,
"...पाकिस्तान से ऑपरेट हुए. हमारी मीडिया कवरेज दिखा रही है. पता चल रहा है उनको, सब पता चल रहा है, इनके आका हैं वहां. अगर वोट देना है, हिंदुस्तान में रहना है, तो मैं कहता हूं मोदी-योगी को दीजिए, यही दो हैं, और आपके ठाकरे."
इस वीडियो के वायरल होने के बाद आरोप लगे थे कि आरोपी ने ये हत्याएं सांप्रदायिक नफरत के चलते की हैं और ये एक हेट क्राइम है. ASI टीका राम के अलावा बाकी मृतकों की पहचान अब्दुल कादिरभाई मुहम्मद हुसैन, अब्बास शेख और सैय्यद सैफुद्दीन के तौर पर हुई थी.
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