जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में चार लोगों की गोली मारकर हत्या करने वाला पूर्व RPF चेतन सिंह (RPF Constable Chetan Singh) अभी अकोला जेल में बंद है. इस हमले में मारे गए लोगों में तीन मुस्लिम भी शामिल थे. जेल जाने के बाद से ही आरोपी चेतन सिंह की ‘मेंटल कंडीशन’ को आधार बनाकर जमानत की मांग की जा रही है. जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. लेकिन एक बार फिर चेतन सिंह को मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराने की अपील की गई है. इस मामले में मुंबई के डिंडोशी की एक सेशन कोर्ट ने गुरुवार, 9 जनवरी को दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं.
चलती ट्रेन में मर्डर करने वाले चेतन सिंह की मेंटल हालत ठीक नहीं, जेल ने कोर्ट से क्या अपील की?
Jaipur-Mumbai train shooting: एक बार फिर पूर्व RPF Constable Chetan Singh को मेंटल हॉस्पिटल में भर्ती कराने की अपील की गई है. इस मामले में मुंबई के डिंडोशी की एक सेशन कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं.

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, चेतन सिंह चौधरी के खिलाफ मुकदमा चला रहे सेशन कोर्ट को अकोला सेंट्रल जेल से एक पत्र मिला. जहां 33 साल का चेतन सिंह, सितंबर 2023 से बंद है. इस पत्र में उसे इलाज के लिए नागपुर के मेंटल हॉस्पिटल ले जाने की अनुमति मांगी गई थी.
पत्र में लिखा गया-
‘19 दिसंबर को चेतन सिंह की तबीयत खराब होने की शिकायत मिली थी. जिसके बाद उन्हें अकोला के सरकारी हॉस्पिटल ले जाया गया. इसके बाद डॉक्टर ने जांच में महसूस किया कि चेतन की मेंटल स्थिति ठीक नहीं है और उसे इलाज की जरूरत है. ’
आगे लिखा गया कि आरोपी जेल में हमारे साथ सहयोग नहीं कर रहा है. ना ही वह किसी से मिलने या खाना खाने को तैयार है.
इसके बाद मामले की सुनवाई के दौरान, अतिरिक्त सरकारी वकील सुधीर सपकाले ने कहा कि चेतन का इलाज नागपुर के बजाय ठाणे में किया जाए. ताकी मुकदमे के दौरान चेतन सिंह को आसानी से मौजूद रह सके. सुधीर सपकाले की इस अपील का चेतन के वकील जयवंत पाटिल और अमित मिश्रा ने भी समर्थन किया.
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पीड़ित पक्ष ने जताई आपत्तिइस मामले में पीड़ित पक्ष के वकील फजलुर्रहमान शेख ने चेतन सिंह को मानसिक उपचार के लिए कहीं भी ले जाने पर अपनी "कड़ी आपत्ति" जताई. अकोला सेंट्रल जेल से मिले पत्र के जवाब में दायर अपने बयान में शेख ने बताया कि चार्जशीट में बताया गया है कि आरोपी पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे कोई भी मेंटल हेल्थ की समस्या नहीं है. उन्होंने लिखा कि आरोपी अदालत की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश कर रहा था.
बता दें कि इस मामले में राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने जो चार्जशीट दायर की थी. उसमें कहा गया था कि आरोपी मानसिक तौर पर पूरी तरह स्थिर है और उसे पता था कि वो क्या कर रहा है. फिलहाल, कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
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