ऋषि सुनक (Rishi Sunak), ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री होंगे. उन्हें कंज़र्वेटिव पार्टी (Conservative Party) का नेता चुन लिया गया है. ऋषि सुनक, ब्रिटेन का पीएम बनने वाले पहले अश्वेत और पहले ही भारतीय मूल के शख्स हैं. कंजर्वेटिव पार्टी की ही सांसद पेनी मोर्डेंट भी रेस में थीं. लेकिन उन्होंने अपनी दावेदारी वापस ले ली.
ऋषि सुनक होंगे ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री, भारत से ये रिश्ता है
कंजर्वेटिव पार्टी की ही सांसद पेनी मोर्डेंट भी रेस में थीं. लेकिन उन्होंने अपनी दावेदारी वापस ले ली.
इससे पहले लिज ट्रस ने सिर्फ 44 दिन तक पीएम रहने के बाद 20 अक्टूबर को लिज ट्रस ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. लिज को उनके इकनॉमिक प्लान के लिए काफी विरोध झेलना पड़ा. लिज के इस्तीफे के बाद कंजर्वेटिव पार्टी में ऋषि सुनक, सांसद पेनी मोर्डेंट और पूर्व पीएम बोरिस जॉनसन का नाम पीएम पद की रेस के लिए आगे आया था.
इस बीच 23 अक्टूबर को बोरिस ज़ॉनसन ने अपनी दावेदारी वापस ले ली. बोरिस जॉनसन ने उम्मीदवारी वापस लेते हुए कहा,
"इस बात की बहुत अच्छी संभावना है कि मैं कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों के साथ चुनाव लड़ने में सफल हो जाऊंगा. लेकिन यह करना सही नहीं होगा. मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि आप तब तक प्रभावी ढंग से शासन नहीं कर सकते जब तक आपके पास एकजुट पार्टी न हो."
बोरिस जॉनसन के नामांकन वापस लेने के बाद से ऋषि सुनक की जीत पक्की मानी जा रही थी.
सुनक के सामने चुनौतियांसुनक के सामने अब कई चुनौतियां भी हैं. कंजर्वेटिव पार्टी के अंदर इससे पहले हुए चुनावों में लिज ट्रस के बाद सुनक नंबर दो पर रहे थे. वहीं पेनी मोर्डेंट तीसरे. जब चुनाव में लिज ट्रस और ऋषि सुनक के बीच डिबेट होती थी, तब सुनक ने लिज ट्रस के 'इकनॉमिक प्लान' का विरोध किया था.
अब जब ब्रिटेन में इन दिनों महंगाई चरम पर है. रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते देश में बिजली और गैस के दाम बढ़े हुए हैं. ब्रिटिश पाउंड गिरता जा रहा है. लिज ट्रस सरकार के लाए 'इकनॉमिक प्लान' से हालात नहीं सुधरे, जिससे उसे वापस लेना पड़ा. फिर आखिर 20 अक्टूबर को लिज का इस्तीफा आ गया.
पिछले 4 साल में तीसरा पीएम बदल रहा है. लिज ट्रस सरकार तो 44 दिन में ही गिर गई. इस सबके चलते कंजर्वेटिव पार्टी का भविष्य दांव पर है. पार्टी केवल आर्थिक संकट ही नहीं राजनीतिक संकट से भी जूझ रही है. ऐसे में सुनक को इन चुनौतियों से निपटना होगा.
Rishi Sunak का करियरऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को यूनाइडेट किंगडम के साउथम्पैटन में हुआ था. उनके दादा-दादी का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था. वो बाद में पूर्वी अफ्रीका चले गए थे. फिर अपने बच्चों के साथ यूनाइडेट किंगडम आ गए. ऋषि सुनक के पिता यशवीर डॉक्टर थे और मां एक छोटा सा मेडिकल स्टोर चलाती थीं. पहली बार ब्रिटिश संसद में पहुंचने के बाद सुनक ने अपने परिवार के बारे में बताया था. उन्होंने कहा था,
“जब वो यूनाइटेड किंगडम आए थे, उनके पास कुछ भी नहीं था.”
सुनक की शुरुआती पढ़ाई साउथम्पैटन में ही हुई. फिर उन्होंने विंचेस्टर कॉलेज से राजनीति विज्ञान की पढ़ाई की. आगे प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र, राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में फर्स्ट क्लास डिग्री हासिल की. आगे और पढ़ाई की. कैलिफोर्निया स्थित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से 2006 में MBA की डिग्री हासिल की. इस दौरान वो फुलब्राइट स्कॉलरशिप पर रहे. इसी दौरान उनकी मुलाकात इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से हुई. बाद में दोनों ने शादी कर ली.
राजनीति में आने से पहले सुनक ने बिजनेस में हाथ आजमाया और सफल रहे. वो एक इनवेस्टमेंट फर्म के को-फाउंडर रहे. इस फर्म ने सिलिकॉन वैली और बेंगलुरु में बिजनेस किया. साथ ही साथ ब्रिटेन में छोटे-छोटे बिजनेस को फंड दिया. ग्रेजुएशन के बाद सुनक ने गोल्डमैन साक्स के साथ भी काम किया था.
साल 2015 में सुनक ने राजनीति में कदम रखा. उन्होंने यॉर्कशर की रिकमंड सीट से चुनाव जीता और यूनाइटेड किंगडम की संसद में पहुंचे. रिकमंड सीट कंजर्वेटिव पार्टी का गढ़ रही है. सुनक ने साल 2017 और 2019 में भी इस सीट से चुनाव जीता. बोरिस जॉनसन ने यूनाइटेड किंगडम का प्रधानमंत्री बनने के बाद फरवरी 2020 में अपना पहला कैबिनेट विस्तार किया. इसी दौरान उन्होंने सुनक को वित्त मंत्रालय का पोर्टफोलियो दिया था. सुनक ने इतिहास रच दिया. बताया जाता है कि इस पोर्टफोलियो को पाने से पहले सुनक की ज्यादा चर्चा नहीं होती थी. फिर कोरोना वायरस महामारी के दौरान उन्होंने देश के लिए कई पैकेज तैयार किए. जिनकी पूरी दुनिया में चर्चा हुई. सुनक नियमित तौर पर न्यूज चैनलों पर नजर आने लगे. एक तरीके से यूनाइटेड किंगडम सरकार का चेहरा बन गए.
इसी दौरान पार्टीगेट स्कैंडल में भी उनका नाम आया. इस संबंध में उन्हें पेनल्टी नोटिस भी जारी किया गया. फिर अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के टैक्स स्टेटस को लेकर आलोचना का शिकार हुए. ब्रिटेन के लोगों के कोस्ट लिविंग स्टेटस पर भी उन्हें आलोचना झेलनी पड़ी. इस बात पर भी उनकी किरकिरी हुई कि यूनाइटेड किंगडम सरकार में इतने बड़े पद पर होने के बाद भी उनके पास अमेरिका का ग्रीन कार्ड है और उन्होंने इसे लौटाया नहीं है.
यूनाइडेट किंगडम के वित्त मंत्री के तौर पर काम करने से पहले ऋषि सुनक ने पूर्व प्रधानमंत्री टेरिसा मे की कैबिनेट में जूनियर मिनिस्टर के तौर पर काम किया था. हाल के दिनों में भले ही 42 साल के ऋषि सुनक अलग-अलग मुद्दों पर आलोचनाओं का शिकार रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी वो प्रभावशाली तरीके से यूनाइटेड किंगडम के नए प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल हुए थे.
Video- दुनियादारी: ऋषि सुनक को हराने वाली लिज़ ट्रस ने 44 दिनों में इस्तीफा क्यों दिया?
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