चुनाव आयोग (election Commission) की वेबसाइट पर गुरुवार, 21 मार्च को अपलोड किए गए ताज़ा आंकड़ों से पता चला है कि रिलायंस ग्रुप (Reliance Group) से जुड़े 'क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड' (Qwik Supply Chain Pvt Ltd) ने चुनावी बॉन्ड के ज़रिए भारतीय जनता पार्टी को 375 करोड़ रुपयों से ज़्यादा डोनेट किया है. इस कंपनी ने शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को भी 35 करोड़ रुपये चंदे में दिए हैं.
रिलायंस समूह से जुड़ी कंपनियों और लोगों ने कुल कितना चंदा, किसे दिया? अब सब साफ़ है!
सिर्फ़ एक कंपनी ने इतना चंदा दे दिया कि सबसे बड़े डोनर्स की लिस्ट में तीसरे पर पहुंच गई. बाक़ी लोगों और कंपनियों ने मिलाकर 170 करोड़ ऊपर से दिए हैं.
द स्क्रॉल की खोज के मुताबिक़, क्विक सप्लाई के 375 करोड़ के अलावा रिलायंस समूह से जुड़ी और कंपनियों या लोगों ने भाजपा को कुल 170 करोड़ रुपये दान किए हैं.
क्विक सप्लाई रिलायंस की कंपनी है?गुरुवार, 14 मार्च को जब चुनाव आयोग ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया, तो टॉप-10 डोनर्स की लिस्ट में चर्चित कंपनियों के नाम नहीं मिले. क्विक सप्लाई भी इन्हीं कम चर्चित कंपनियों की सूची में थी. फ़्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ और मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ़्रा के बाद राजनीतिक दलों को तीसरा सबसे बड़ा डोनर.
इस फ़र्म के तेज़ी से सुर्खियों में आने का एक और कारण है, इसका पता. नवंबर, 2000 में निगमित इस असिल्टेड फ़र्म का पता वही है, जो रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (RIL) का है. नवी मुंबई की धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी.
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पब्लिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी से कहें तो क्विक सप्लाई एक स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट कंपनी है. रिलायंस के एक प्रवक्ता का तो साफ़ कहना है कि क्विक सप्लाई चेन रिलायंस की सहायक कंपनी नहीं है. मगर रॉयटर्स को रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनीज (RoC) की फ़ाइलिंग में कुछ और ही मिला. रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस ग्रुप सपोर्ट, रिलायंस फ़ायर ब्रिगेड और रिलायंस हॉस्पिटल मैनेजमेंट के पास कुल-मिलाकर क्विक सप्लाई का 50.04% हिस्सा है. वो रिलायंस रिटेल को लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन सपोर्ट देते हैं.
इसके अलावा कई मीडिया संगठनों ने रिपोर्ट किया कि क्विक सप्लाई के तीन डायरोक्टरों में से एक - तपस मित्रा - रिलायंस ऑयल एंड पेट्रोलियम, रिलायंस इरोज़ प्रोडक्शंस, रिलायंस फ़ोटो फ़िल्म्स, रिलायंस फ़ायर ब्रिगेड और रिलायंस पॉलिएस्टर के भी डायरेक्टर हैं. उनकी लिंक्ड-इन प्रोफ़ाइल पर उन्होंने ख़ुद लिखा है कि वो मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड में अकाउंट्स विभाग के प्रमुख हैं.
किसे-कितना चंदा दिया?- 5 जनवरी, 2022 को क्विक सप्लाई ने 225 करोड़ रुपये के बॉन्ड ख़रीदे. 10 जनवरी को बीजेपी ने इसमें से 200 करोड़ रुपये भुना लिए. बाक़ी का 25 करोड़ रुपये शिवसेना को दे दिए. जिस दिन भाजपा ने बॉन्ड भुनाए, उसी दिन क्विक सप्लाई ने 10 करोड़ रुपये के बॉन्ड ख़रीदे. अगले दिन ही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने 10 करोड़ भुना लिए.
- 11 नवंबर, 2022 को कंपनी ने एक करोड़ रुपए के 125 बॉन्ड ख़रीदे. माने 125 करोड़. तीन दिन के अंदर 125 करोड़ बीजेपी के खाते में पहुंच गया.
- 17 नवंबर, 2023 को 50 करोड़ रुपये के बॉन्ड ख़रीदे. फिर से तीन दिन के अंदर भाजपा के खाते में.
रिलायंस से जुड़ी और कंपनियों ने कितना चंदा दिया?
- मई, 2019 में मुकेश अंबानी के पुराने बिज़नेस पार्टनर सुरेंद्र लूनिया के ज़रिए रिलायंस ग्रुप से जुड़ी एक कंपनी - नेक्स-जी डिवाइसेज़ प्राइवेट लिमिटेड - ने भाजपा को 50 करोड़ रुपये का चंदा दिया था. तब लोकसभा चुनाव चल रहे थे.
- लूनिया से जुड़ी तीन और फ़र्मों ने मई, 2019 के दूसरे हफ़्ते में 30 करोड़ रुपये का चंदा भाजपा को दिया था. इन्फोटेल टेक्नॉलजीज प्राइवेट लिमिटेड, इन्फ़ोटेल बिज़नेस सॉल्यूशन्स और इन्फ़ोटेल एक्सेस एंटरप्राइजेज़.
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- 8 अप्रैल, 2021 को रिलायंस ग्रुप से जुड़ी दो और फ़र्म्स ने 50 करोड़ रुपये के बॉन्ड ख़रीदे थे. 12 अप्रैल, 2021 को भाजपा ने इन बॉन्ड्स को भुना लिया. हनीवेल प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड और चंदर कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड. इन कंपनियों के निदेशक रिलायंस की कई फ़र्म्स के बोर्ड में बैठते हैं.
- 11 नवंबर, 2022 से 14 नवंबर 2022 के बीच सुरेंद्र लूनिया की नेक्स-जी ने बीजेपी को 15 करोड़ रुपये का चंदा और दे दिया. इसी बीच लूनिया से जुड़े MN मीडिया वेंचर्स ने भी बीजेपी को 5 करोड़ रुपये का चंदा दिया.
रिलायंस से जुड़े लोग
2023 में रिलायंस ग्रुप से जुड़े दो लोगों ने भाजपा को 50 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.
उनमें से एक हैं लक्ष्मीदास वल्लभदास मर्चेंट और उनकी रिश्तेदार अस्मिता मर्चेंट. सूची में इन्हें ‘लक्ष्मीदास वल्लभदास अस्मिता मर्चा’ लिखा गया है. रिपोर्टर्स कलेक्टिव की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, लक्ष्मीदास रिलायंस समूह की कई कंपनियों में डायरेक्टर हैं. उन्होंने अपनी लिंक्ड-इन प्रोफ़ाइल में ख़ुद को रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड में ग्रुप मैनेजर बताया है. नवंबर, 2023 में उन्होंने भाजपा को चंदे में 25 करोड़ रुपये दिए थे.
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इसी तरह के रामचन्द्रन राजा हैं, जिनका नाम केआर राजा लिखा है. ये भी रिलायंस ग्रुप से जुड़े हुए हैं. लक्ष्मीदास की तरह ही कई रिलायंस फ़र्म्स में निदेशक हैं. लक्ष्मीदास की तरह ही राजा ने नवंबर, 2023 में 25 करोड़ रुपये के बॉन्ड ख़रीदे थे.
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