रतन टाटा (Ratan Tata), एक ऐसे बिजनेसमैन जिन्होंने टाटा ग्रुप को भारत से बाहर दुनिया भर में पहुंचाया. टाटा ने 86 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा. देश भर के तमाम लोगों ने उनको श्रद्धांजलि दी है. देश के बाहर भी इस अपूरणीय क्षति की चर्चा है. Al Jazeera, New York Times, The Guardian और Dawn जैसी मीडिया संस्थान ने इसे रिपोर्ट किया है. BBC ने 'ऑब्यूचरी' (श्रद्धांजलि) छापी है.
'शक्तिशाली व्यक्ति, दूसरों का जीवन बेहतर किया... ' रतन टाटा पर विदेशी मीडिया ने 'अद्भुत' लिखा है
AL Jazeera ने लिखा कि टाटा समूह ने 2009 में ‘टाटा नैनो’ कार बनाकर पूरे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को चौंका दिया था. New York Times ने लिखा कि वो लाइमलाइट से दूर रहते थे. उन्होंने रतन टाटा से जुड़े एक विवाद का भी जिक्र किया है.
ब्रिटिश पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टर BBC ने हेडलाइन दी है,
“Obituary: Ratan Tata, the 'modest' Indian tycoon. (श्रद्धांजलि: रतन टाटा, एक विनम्र भारतीय उद्योगपति)”
BBC ने रतन टाटा के बारे में इस लेख में लिखा है,
"इस दिग्गज ने दो दशक से भी ज्यादा समय तक टाटा समूह का नेतृत्व किया. इस समूह को नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक की 100 से ज्यादा कंपनियों के समूह के रूप में जाना जाता है. इसमें लगभग 6 लाख 60 हजार लोग काम करते हैं. समूह का वार्षिक राजस्व 100 बिलियन डॉलर (करीब 8 लाख करोड़) से ज्यादा है. 'द स्टोरी ऑफ टाटा' के लेखक पीटर केसी के अनुसार, कंपनी का सिद्धांत पूंजीवाद को परोपकार से जोड़ता है. और ये समूह इस तरह से व्यवसाय करता है कि इससे दूसरों का जीवन बेहतर हो."
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अंग्रेजी मीडिया संस्थान अल जजीरा ने लिखा कि टाटा समूह ने 2009 में ‘टाटा नैनो’ कार बनाकर पूरे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को सरप्राइज कर दिया था. अल जजीरा ने हेडलाइन दी,
“Ratan Tata, ‘titan’ of Indian business, dies at 86. (भारतीय उद्योग जगत के ‘दिग्गज’ रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन).”
संस्थान ने इस बात का भी जिक्र किया है कि टाटा को नरेंद्र मोदी और मुकेश अंबानी जैसे लोगों ने श्रद्धांजलि दी है. आगे लिखा है,
"2009 में, कंपनी ने ‘टाटा नैनो’ लॉन्च करके ऑटोमोबाइल उद्योग को चौंका दिया. ये एक छोटी कार थी जिसकी कीमत लगभग 1 लाख रुपये थी. इसे ‘पीपुल्स कार (आम लोगों का कार)’ के रूप में प्रचारित किया गया. इसमें पांच लोग बैठ सकते थे. टाटा ने कहा था कि ये लाखों मध्यम और निम्न आय वाले भारतीय उपभोक्ताओं को सुरक्षित, किफायती, सभी मौसमों में परिवहन का साधन प्रदान करेगा. हालांकि, कम बिक्री के कारण कंपनी ने 2018 में इसका उत्पादन बंद कर दिया."
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Tetley Tea और Jaguar का अधिग्रहणअमेरिका के अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने उन्हें एक शक्तिशाली परिवार का मुखिया बताया है. उन्होंने लिखा है कि उनके टाटा समूह ने टेटली टी और जगुआर जैसे ब्रिटिश ब्रांडो को अधिग्रहित किया और एक अमिट छाप छोड़ी. उन्होंने हेडलाइन दी,
“Ratan Tata, Whose Indian Business Empire Went Global, Dies at 86. (रतन टाटा, जिनका भारतीय व्यापार साम्राज्य ग्लोबल बना, 86 वर्ष की आयु में निधन)”
न्यूयॉर्क टाइम्स ने आगे लिखा,
“टाटा ने लाइमलाइट से दूर रहना पसंद किया. और एक शर्मीले-अकेले व्यक्ति की सार्वजनिक छवि पेश की. एक ऐसे व्यक्ति जिन्होंने कभी शादी नहीं की या बच्चे नहीं किए. लेकिन अपने करियर के आखिरी दौर में वो एक बड़े विवाद में फंस गए. जब उन्होंने टाटा समूह के बोर्ड को अपने चुने हुए उत्तराधिकारी को हटाने के लिए मना लिया. इसके बाद हुए कानूनी विवाद को सुलझने में कई साल लग गए. और ये लगातार मीडिया का ध्यान आकर्षित करता रहा.”
रतन टाटा को 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. द गार्जियन ने इस बात का जिक्र किया है. उन्होंने हेडलाइन में लिखा है,
“Indian tycoon Ratan Tata dies at age 86. (भारतीय उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में निधन)”
पाकिस्तान के अंग्रेजी अखबार डॉन ने लिखा है कि रतन टाटा कई हाई प्रोफाइल अधिग्रहणों का हिस्सा रहे. उन्होंने टाटा समूह को वैश्विक मंच पर स्थापित किया. अखबार ने आगे लिखा है कि अपने शुरुआती कदमों में रतन टाटा ने टाटा समूह की कुछ कंपनियों के प्रमुखों की शक्तियों पर लगाम लगाने की कोशिश की. रिटायरमेंट की आयु तय की, युवाओं को बड़े पदों पर प्रमोट किया और कंपनियों पर नियंत्रण बढ़ाया.
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