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खंभा चुराकर भाग रहे थे, ट्रेन आई तो पटरी पर छोड़ दिया... पुलिस ने किया खुलासा, 2 गिरफ्तार

Railway Track iron pole News : पुलिस ने बताया कि जब नशे में आरोपी खंभा लेकर ट्रैक पार कर रहे थे, तभी सामने से ट्रेन आ गई. ऐसे में उनको खंभा ट्रैक पर ही छोड़कर भागना पड़ा. और क्या पता चला?

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पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ़्तार किया है. (फ़ोटो - आजतक)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के रामपुर ज़िले में 'ट्रेन पलटाने की कथित साज़िश' के मामले में दो लोगों की गिरफ़्तारी हुई है (iron pole on railway tracks). इसे लेकर, कई लोगों ने आतंकी साज़िश तक की संभावनाएं जताई थीं. लेकिन अब पता चला है कि दोनों आरोपी नशा करते हैं. बताया गया कि घटना वाले दिन भी नशे में दोनों ने एक बिजली के खंभे को चुराने की कोशिश की थी. लेकिन जब वो खंभा लेकर ट्रैक पार कर रहे थे, तभी सामने से ट्रेन आ गई. ऐसे में उनको खंभा ट्रैक पर ही छोड़कर भागना पड़ा.

दरअसल, 18 सितंबर को रेलवे ट्रैक पर बिजली का खंभा रखा मिला था. हालांकि, लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोक ली थी. इससे कोई हादसा नहीं हुआ. इसके बाद से पुलिस आरोपियों की तलाश में लगी हुई थी. मामले में संदीप चौहान और विजेंद्र उर्फ़ टिंकू को गिरफ़्तार किया गया है. पुलिस ने ट्रेन पलटाने की किसी साज़िश होने की आशंका से परहेज किया है. पुलिस ने बताया कि संदीप और टिंकू के किसी संगठन से संबंध के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है. दोनों को जेल भेज दिया गया है.

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ख़बर के मुताबिक़, गवर्मेंट रेलवे पुलिस (GRP) ने घटना के तुरंत बाद जांच शुरू कर दी थी. CCTV फ़ुटेज और स्थानीय ख़ुफ़िया जानकारी के ज़रिए डिबडिबा के पास मलिक फ़ॉर्म से ​​संदीप चौहान और बिलासपुर के सोढ़ी कॉलोनी से विजेंद्र उर्फ़ ​​टिंकू की पहचान की गई. पूछताछ के दौरान, दोनों ने बीते बुधवार यानी 18 सितंबर को खंभा चुराने, नशे की लत को पूरा करने के लिए इसे बेचने और ट्रेन को आते देख मौक़े से भागने की बात स्वीकार ली.

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बताते चलें, रुद्रपुर सिटी और बिलासपुर (छत्तीसगढ़ वाला नहीं) रेलवे स्टेशनों के बीच पटरी पर 6 मीटर लंबा लोहे का खंभा पड़ा मिला था. लोको पायलट की सूझबूझ की वजह से कोई हादसा नहीं हुआ. पुलिस ने बताया है कि संदीप और टिंकू अक्सर उसी रास्ते से शराब पीने जाते थे. घटना वाले दिन भी यही हुआ. ज़मीन ऊबड़-खाबड़ थी, ऐसे में वो जैसे-तैसे खंभा लेकर भाग रहे थे. उसी समय उन्होंने ट्रेन का हॉर्न सुना और खंभा छोड़कर भाग गए. उनका इरादा ट्रेन पलटाना नहीं था.

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