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CM मोहन यादव को तो जान लिया, मध्यप्रदेश के दोनों डिप्टी CM को भी जान लीजिए

मोहन यादव मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे. राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा उप मुख्यमंत्री होंगे. इन तीनों के बारे में जान लीजिए.

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बाईं तस्वीर में हैं राजेंद्र शुक्ला. दाईं तस्वीर में शिवराज के साथ हैं जगदीश देवड़ा. (फाइल फोटो)

मोहन यादव मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे. राज्य में दो उपमुख्यमंत्री होंगे- राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा. मोहन यादव के बारे में बताते हुए हम विस्तार से ख़बर कर चुके हैं. इस खबर में बात होगी मोहन यादव के दोनों डिप्टियों की.

जगदीश देवड़ा- 7 बार के विधायक हैं. इस बार मल्हारगढ़ से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं. 1980 से ही भारतीय जनता युवा मोर्चा में सक्रिय रहे हैं. मोर्चे में मंडलाध्‍यक्ष, जिला महामंत्री और जिलाध्‍यक्ष के पद पर रहे. 1990 में विधायक बने. तबसे 7 बार जीत चुके हैं. 2003 में पहली बार प्रदेश में मंत्री बने. इस बार मल्हारगढ़ विधानसभा सीट से करीब 60 हज़ार वोट से जीते हैं. 2018 में भी इसी सीट से जीते थे. इकॉनमिक्स में MA किया है और पिछली भाजपा सरकार में वित्त मंत्रालय ही संभाल रहे थे.

राजेंद्र शुक्ला- राजेंद्र शुक्‍ला पहली बार उमा भारती की सरकार में मंत्री बने. बाबूलाल गौर सरकार में भी मंत्री रहे. फिर शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में भी मंत्री रहे. पहली बार 2003, इसके बाद 2008 और 2013 में भी. 2023 में चुनाव जीते, तो डेप्युटी CM बनाए गए हैं. ऊर्जा, खनिज से लेकर जनसंपर्क और पब्लिक हेल्थ तक तमाम विभाग संभाल चुके हैं. यानी दोनों डेप्युटी CM अच्छे-ख़ासे अनुभव वाले हैं. राजेंद्र शुक्ला विंध्य में भाजपा के कद्दावर ब्राह्मण फेस माने जाते हैं. रीवा से विधायक हैं. इस बार 21 हज़ार से ज़्यादा वोट से जीते हैं.

नए मुख्यमंत्री की भी थोड़ी बात कर लेते हैं. मोहन यादव ने राजनीति की शुरुआत 1982 में माधव साइंस कॉलेज से की थी. वहां वो सह-सचिव और अध्यक्ष बने. फिर 1984 में ABVP जॉइन की थी. 2013 में पहली बार विधायक बने. 2018 में फिर जीते. 2020 में मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने. उच्च शिक्षा विभाग इन्हें मिला था. इस बार के चुनाव में वो उज्जैन दक्षिण से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. मोहन यादव करीब 30 साल से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं. 1993 में उन्होंने उज्जैन में ही RSS जॉइन की थी. इसके अलावा वो 2011 से 2013 तक मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के भोपाल में अध्यक्ष भी रहे हैं. इस पद पर बैठे व्यक्ति को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलता है. 

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