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कांगो फीवर से महिला की मौत, जानिए क्या होती है ये बीमारी? राजस्थान में एडवाइजरी जारी

Rajasthan में Congo Fever का एक मामला सामने आया है. यहां Jodhpur की एक महिला की मौत हो गई. राज्य सरकार ने मामला सामने आने के बाद अलर्ट जारी किया है. और रोकथाम और बचाव के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

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राजस्थान में कांगो बुखार का एक मामला सामने आया है. ( प्रतीकात्मक फोटो, इंडिया टुडे)

राजस्थान के जोधपुर (Rajasthan Jodhpur) की एक महिला की कांगो बुखार (Congo Fever) से मौत हो गई. महिला का सैंपल जांच के लिए पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेजा गया था. जांच में उनका सैंपल पॉजिटिव पाया गया था. मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने रोकथाम और बचाव के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, कांगो बुखार से संक्रमित महिला का इलाज अहमदाबाद के NHL म्युनिसिपल मेडिकल कॉलेज में चल रहा था. इलाज के दौरान 9 अक्टूबर  को उनकी मौत हो गई. पब्लिक हेल्थ डायरेक्टर डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि जोधपुर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में रैपिड रिस्पांस टीम भेजने और संक्रमण रोकने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही संदिग्ध और कांगो बुखार के लक्षण वाले मरीजों का पता लगाने और उन्हें आइसोलेशन में रखने का भी निर्देश दिया गया है.

राज्य सरकार ने सभी सरकारी और प्राइवेट चिकित्सा संस्थानों के लिए भी निर्देश जारी किए हैं. उन्हें किसी भी मरीज में कांगो बुखार का लक्षण पाए जाने पर सैंपल लेने और जांच के लिए भेजे जाने को कहा गया है. साथ ही उन्हें इसकी सूचना हेल्थ डिपार्टमेंट को भी देनी होगी.

इसके अलावा नागौर के 20 वर्षीय युवक को जयपुर के RUHS अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया था. उसकी मंकीपॉक्स की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. यह युवक दुबई से जयपुर आया था. एयरपोर्ट पर हेल्थ चेकअप के दौरान उसके शरीर पर दाने पाए गए थे. जांच रिपोर्ट में युवक को चिकनपॉक्स से पीड़ित पाया गया.

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कांगो बुखार क्या होता है?

कांगो बुखार का पूरा नाम राइमियन कांगो हेमोरेजिक फीवर (CCHF) है. इंसानों के लिए घातक राइमियन कांगो हैमरेज फीवर जानवरों से इंसानों में फैलता है. कांगो बुखार एक जूनोटिक वायरस से फैलने वाला रोग है. यह मुख्य रूप से टिक बाइट यानी छोटे कीड़ों के काटने से फैलता है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य के पशुपालन विभाग को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि पशुओं के जरिए इस रोग के फैलने से रोका जा सके.

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